कोटा में 600 साल पुराने स्मारक की छतरी गिराये जाने पर प्रदर्शन का आह्वान; तीन अधिकारी निलंबित
सुभाष प्रशांत
- 22 Sep 2024, 10:11 PM
- Updated: 10:11 PM
कोटा(राजस्थान) 22 सितंबर (भाषा) कोटा में प्रस्तावित हवाई अड्डे के लिए एक गांव में, बूंदी नरेश राव सूरजमल के 600 साल पुराने स्मारक की छतरी को ध्वस्त किये जाने पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के ऐतराज जताए जाने के बाद तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। रविवार को एक सरकारी आदेश में यह जानकारी दी गई।
आदेश के मुताबिक, विषय की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक समिति गठित की गई है।
इस ध्वस्तीकरण से नाराज बूंदी राजपरिवार और स्थानीय लोगों ने सोमवार को प्रदर्शन का आह्वान किया है।
शेखावत ने इस घटना के बारे में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बूंदी नरेश राव सूरजमल हाड़ा की छतरी को ध्वस्त करना एक दुखद और परेशान करने वाली घटना है। क्या केडीए (कोटा विकास प्राधिकरण) ने छतरी के ऐतिहासिक महत्व को जानते हुए भी यह कृत्य किया? इस संबंध में जांच और उचित कार्रवाई जरूरी है।’’
मंत्री ने कहा कि जन भावनाओं को सर्वोच्च महत्व देना चाहिए।
यह स्मारक, पूर्ववर्ती बूंदी रियासत के नौवें शासक राव सूरजमल के सम्मान में बनाया गया था। स्मारक पड़ोसी बूंदी जिले के तुलसी गांव में स्थित है। शनिवार को कोटा विकास प्राधिकरण ने इसे ध्वस्त कर दिया था।
इस बीच, बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा, बूंदी राजपरिवार के वंशवर्धन सिंह और करणी सेना तथा राजपूत समुदाय के सदस्यों ने स्मारक स्थल का रविवार को दौरा किया और केडीए की कार्रवाई की निंदा की।
कोटा कलेक्टर रवींद्र गोस्वामी, जो केडीए के अध्यक्ष भी हैं, ने उनसे फोन पर बात की। गोस्वामी ने उन्हें बताया कि छतरी के पुनर्निर्माण के लिए मौजूदा 16 बिस्वा भूमि (21,600 वर्ग फुट) के विकल्प के रूप में बूंदी जिले के बलोप पंचायत में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे एक बीघा (27,000 वर्ग फुट) भूमि आवंटित की गई है।
हालांकि, राजपूत समुदाय के प्रतिनिधियों और स्थानीय ग्रामीणों ने इस व्यवस्था से असहमति जताई और मांग की कि प्रस्तावित हवाई अड्डे का नाम राव सूरजमल के नाम पर रखा जाए और इसके प्रवेश द्वार पर उनकी प्रतिमा स्थापित की जाए।
करणी सेना के तत्वावधान में राजपूत समुदाय ने तोड़फोड़ के विरोध में सोमवार को बूंदी जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।
केडीए के सचिव द्वारा शनिवार रात जारी आदेश में, ऐतिहासिक छतरी को ढहाने में शामिल तहसीलदार प्रवीण कुमार, भूमि अभिलेख निरीक्षक मुरलीधर और एक पटवारी को ‘‘जन भावनाओं को ठेस पहुंचाने’’ और सरकारी कार्य में ‘‘लापरवाही’’ बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
कोटा जिला कलेक्टर ने कोटा के उप संभागीय अधिकारी (एसडीएम), प्राधिकरण के एक विशेष कार्य अधिकारी और लाडपुरा के तहसीलदार की सदस्यता वाली तीन सदस्यीय जांच समिति गठित करने का एक आदेश जारी किया तथा उन्हें विषय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
विधायक शर्मा ने कहा कि केडीए अध्यक्ष ने उन्हें बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के पत्र में निर्देश दिये जाने के बाद छतरी को उसके ऐतिहासिक और विरासती महत्व को समझे बिना ही ध्वस्त कर दिया गया था, लेकिन अब उसने इस पर खेद जताया है।
वंशवर्धन सिंह ने ध्वस्तीकरण की निंदा की तथा इस बात पर जोर दिया कि यह 600 वर्ष पुराना महत्वपूर्ण स्मारक है लेकिन शिलालेख तथा ऐतिहासिक महत्व की अन्य वस्तुएं नष्ट कर दी गईं।
भाषा सुभाष