श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में पहली बार दूसरे दौर में पहुंची मगतणना, विक्रमसिंघे दौड़ से बाहर
जोहेब नरेश
- 22 Sep 2024, 07:30 PM
- Updated: 07:30 PM
कोलंबो, 22 सितंबर (भाषा) श्रीलंका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए जरूरी 50 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिलने के बाद रविवार को इतिहास में पहली बार दूसरे दौर की मतगणना कराने का आदेश दिया गया है।
चुनाव परिणामों के अनुसार, मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के मोर्चे नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के अनुसार कुमारा दिसानायके पहले दौर की मतगणना में 56 लाख 30 यानी 42.31 प्रतिशत वोट हासिल करके शीर्ष स्थान पर रहे। दूसरे स्थान पर विपक्षी समागी जन बालवेगया के नेता साजिथ प्रेमदासा हैं, जिन्हें 43 लाख 60 हजार यानी 32.8 प्रतिशत वोट मिले हैं।
मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को केवल 22 लाख 90 हजार यानी 17.27 प्रतिशत वोट मिले।
निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष आर. एम. ए. एल. रत्नायके ने कहा कि दिसानायके और प्रेमदासा ने राष्ट्रपति चुनाव में अधिकतम वोट हासिल किए हैं, लेकिन चूंकि दोनों में से किसी को भी 50 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिले हैं, इसलिए दूसरे दौर की मतगणना की जाएगी।
श्रीलंका में 2022 के आर्थिक संकट के बाद पहली बार हुए राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को मतदान हुआ था।
श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में वरीयता मतदान प्रणाली का उपयोग किया जाता है, जिसके तहत मतदाता वरीयता के क्रम में अधिकतम तीन उम्मीदवारों को श्रेणीबद्ध करते हैं। यदि किसी उम्मीदवार को पहली पसंद के तौर पर 50 प्रतिशत से अधिक वोट यानी पूर्ण बहुमत मिलता है तो उसे विजेता घोषित किया जाता है। यदि नहीं, तो मतगणना का दूसरा दौर शुरू होता है, जिसमें दूसरी और फिर तीसरी पसंद के वोटों की गिनती होती है।
रत्नायके ने कहा कि कुल मतों और वरीयता मतों की गणना के बाद नया राष्ट्रपति निर्वाचित घोषित किया जाएगा।
श्रीलंका में कभी भी कोई चुनाव मतगणना के दूसरे दौर तक नहीं पहुंचा है, क्योंकि प्रथम वरीयता मतों के आधार पर हमेशा कोई उम्मीदवार विजेता बना है।
भाषा जोहेब