कर्नाटक : कलबुर्गी में 17 सितंबर को होगी मंत्रिमंडल की बैठक
जितेंद्र दिलीप
- 16 Sep 2024, 08:57 PM
- Updated: 08:57 PM
(फाइल फोटो के साथ)
कलबुर्गी, 16 सितंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि कल्याण कर्नाटक क्षेत्र के विकास पर चर्चा के लिए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक यहां 17 सितंबर को होगी। उन्होंने कहा कि बैठक में क्षेत्र के लिए अलग सचिवालय और औद्योगिक नीति से संबंधित फैसले लिये जा सकते हैं।
कलबुर्गी में होने वाली मंत्रिमंडल की यह बैठक, क्षेत्र की निजाम शासन से मुक्ति के मौके पर मनाए जाने वाले ‘कल्याण कर्नाटक उत्सव’ और संविधान के अनुच्छेद 371 (जे) के 10 वर्ष पूरे होने के मौके से इतर हो रही है।
अनुच्छेद 371 (जे) के तहत ही क्षेत्र को विशेष दर्जा मिला था।
सिद्धरमैया ने कहा, “हम सभी अपेक्षाओं को भले ही पूरा नहीं कर सकते, लेकिन हम निश्चित रूप से कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। बजट में जिन मुद्दों का उल्लेख किया गया था और अन्य जरूरी मुद्दों पर हम कल (मंगलवार) होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे।”
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार के मुद्दों पर भी मंत्रिमंडल की बैठक के समक्ष चर्चा होने की उम्मीद है।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, “ कल्याण कर्नाटक क्षेत्र के लिए लंबे समय से एक अलग सचिवालय की मांग की जा रही है और हम इसे पूरा करने की कोशिश करेंगे।” कलबुर्गी को ‘कल्याण कर्नाटक’ या हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र की राजधानी के रूप में माना जाता है। इन जिलों पर पूर्व में हैदराबाद के निजाम का शासन था और ये राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में शामिल हैं।
बीदर, बल्लारी, विजयनगर, कलबुर्गी, कोप्पल, रायचूर और यादगीर क्षेत्र को पिछड़ेपन के कारण संविधान के अनुच्छेद 371 (जे) के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है। सिद्धरमैया ने मंगलवार को ‘कल्याण कर्नाटक क्षेत्र’ के लिए एक अलग औद्योगिक नीति तय किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा, “हम कल (मंगलवार) हर संभव प्रयास करेंगे। हम कल्याण कर्नाटक (विकास) के पक्ष में हैं।”
उन्होंने याद दिलाया कि कल्याण-कर्नाटक क्षेत्र के पिछड़े जिलों को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 371 (जे) में संशोधन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में किया गया था।
उन्होंने कहा कि इसे मल्लिकार्जुन खरगे (एआईसीसी अध्यक्ष) और पूर्व मुख्यमंत्री धरम सिंह के प्रयासों से पूरा किया गया था।
भाषा जितेंद्र