स्टार्टअप हितधारकों के लिए 'भास्कर' मंच की शुरुआत, सहयोग का केंद्र बनेगा
प्रेम अजय
- 16 Sep 2024, 07:36 PM
- Updated: 07:36 PM
नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) वाणिज्य एव उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को ‘भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री’ (भास्कर) पहल की शुरुआत की। यह स्टार्टअप, निवेशकों, सेवा प्रदाताओं और सरकारी निकायों के बीच सहयोग और विचारों के आदान-प्रदान का केंद्र होगा।
गोयल ने भास्कर मंच की शुरुआत करते हुए कहा कि यह सलाहकार और वित्त जैसी विभिन्न जरूरतों को पूरा करने की जद्दोजहद में लगे स्टार्टअप के लिए संपर्क का एकल केंद्र होगा।
उन्होंने कहा कि इस मंच के जरिये स्टार्टअप, निवेशक, सलाहकार, सेवा प्रदाता और सरकारी निकाय सहित उद्यमशीलता परिवेश के सभी प्रमुख हितधारक क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे के साथ संवाद कर सकते हैं।
भास्कर मंच का प्राथमिक लक्ष्य स्टार्टअप पारिस्थितिकी से जुड़े हितधारकों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल रजिस्ट्री तैयार करना है। इस लक्ष्य को पाने के लिए मंच नेटवर्किंग एवं सहयोग मुहैया कराएगा, संसाधनों तक केंद्रीकृत पहुंच देगा, व्यक्तिगत पहचान बनाएगा, खोज क्षमता बढ़ाएगा और भारत के वैश्विक ब्रांड का समर्थन करेगा।
देशभर में 1.46 लाख से अधिक सरकारी मान्यता-प्राप्त स्टार्टअप इकाइयां हैं। इस तरह भारत दुनिया का सबसे गतिशील स्टार्टअप गढ़ बनकर उभरा है।
इस अवसर पर गोयल ने कहा कि कंपनी अधिनियम की धारा-आठ के तहत एक गैर-लाभकारी कंपनी बनाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें स्टार्टअप इंडिया से जुड़ी सभी पहल और निकायों को एक साथ लाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह कंपनी ‘इन्वेस्ट इंडिया’ की तरह उद्योग-नेतृत्व वाली हो सकती है, जो अपने मामलों का प्रबंधन कर सकती है। फिलहाल ‘स्टार्टअप इंडिया’ निवेश को बढ़ावा देने के लिए बने राष्ट्रीय निकाय ‘इन्वेस्ट इंडिया’ का हिस्सा है।
गोयल ने कहा, ‘‘हम इसे उत्प्रेरक के रूप में समर्थन देंगे ताकि नीतिगत रूप से यह सही रास्ते पर रहें। इसका एक स्वतंत्र बोर्ड और संगठनात्मक ढांचा होगा और हम इसकी निगरानी करेंगे। राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद भी इसका हिस्सा हो सकती है।’’
स्टार्टअप इंडिया पहल 16 जनवरी, 2016 को शुरू की गई थी। इसके तहत उद्यमियों का समर्थन करने, एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और भारत को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वालों के देश में बदलने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
भाषा प्रेम