आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर बैठक शुरू
वैभव दिलीप
- 16 Sep 2024, 07:28 PM
- Updated: 07:28 PM
कोलकाता, 16 सितंबर (भाषा) आरजी कर अस्पताल मामले में गतिरोध को समाप्त करने के उद्देश्य से आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच वार्ता का पहला दौर सोमवार को कालीघाट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर शुरू हुआ।
गतिरोध सुलझाने के लिए बातचीत शुरू करने के चार प्रयास असफल रहने के बाद प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार शाम को बनर्जी के आवास पर इस महत्वपूर्ण बैठक के लिए पहुंचा।
इससे पहले बैठक की ‘लाइव स्ट्रीमिंग’ और ‘वीडियो रिकॉर्डिंग’ की चिकित्सकों की मांग को राज्य सरकार द्वारा खारिज किए जाने के कारण वार्ता के पिछले प्रयास विफल रहे थे।
बाद में प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने अपनी इस मांग में थोड़ा नरमी लाते हुए अब केवल बैठक के विवरण को दर्ज करने और इसकी एक हस्ताक्षरित प्रति दिए जाने पर सहमति जताई है।
राज्य सरकार ने इस शर्त को तुरंत स्वीकार कर लिया तथा मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि दोनों पक्ष बैठक के विवरण पर हस्ताक्षर करेंगे तथा स्पष्टता के लिए इसकी प्रतियां एक-दूसरे को दी जाएंगी।
इस बीच, चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय ‘स्वास्थ्य भवन’ के बाहर अपना धरना आठवें दिन भी जारी रखा। वे आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना के मामले में न्याय की और कोलकाता पुलिस आयुक्त तथा राज्य के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाने की मांग कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय ‘स्वास्थ्य भवन’ के बाहर अपने धरना स्थल से बैठक के लिए रवाना होने से पहले प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने कहा कि बैठक का विवरण रिकॉर्ड करने के लिए उनके साथ दो पेशेवर स्टेनोग्राफर जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे अपनी पांच मांगों से कम पर नहीं मानेंगे, जो वे पहले ही सरकार के समक्ष रख चुके हैं।
चिकित्सकों ने नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के बाद सबूतों को ‘नष्ट’ करने के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करने और उन्हें सजा देने की मांग की है।
उन्होंने मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने; कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफे; स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहतर सुरक्षा और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ‘धमकी की संस्कृति’ को समाप्त करने की भी मांग की है।
भाषा वैभव