भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी समुद्री मार्ग से दुनिया का चक्कर लगाएंगी
पारुल सुरेश
- 15 Sep 2024, 04:13 PM
- Updated: 04:13 PM
नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी, लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. जल्द समुद्री मार्ग से दुनिया का चक्कर लगाएंगी।
नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने रविवार को बताया कि रूपा और दिलना भारतीय नौसेना के नौकायन जहाज ‘आईएनएसवी तारिणी’ पर सवार होकर दुनिया का चक्कर लगाने के अभियान पर रवाना होंगी।
उन्होंने बताया कि दोनों महिला अधिकारी पिछले तीन साल से ‘सागर परिक्रमा’ अभियान की तैयारी कर रही हैं।
मधवाल ने कहा, “सागर परिक्रमा एक कठिन यात्रा होगी, जिसके लिए अत्यधिक कौशल, फिटनेस और मानसिक सतर्कता की जरूरत पड़ेगी। दोनों महिला अधिकारी बेहद कठोर प्रशिक्षण ले रही हैं। उनके पास हजारों मील की समुद्री यात्रा का अनुभव है।”
मधवाल के मुताबिक, रूपा और दिलना विश्व भ्रमणकर्ता और ‘गोल्डन ग्लोब रेस’ के नायक कमांडर (सेवानिवृत्त) अभिलाष टॉमी की देखरेख में प्रशिक्षण हासिल कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि छह-सदस्यीय चालक दल की सदस्य के रूप में दोनों महिला अधिकारियों ने पिछले साल एक अंतर-महासागरीय अभियान में हिस्सा लिया था, जो गोवा से केप टाउन होते हुए रियो डि जिनेरियो गया था और वापस आया था।
मधवाल के अनुसार, इसके बाद रूपा और दिलना ने ‘डुअल-हैंड मोड’ में गोवा से पोर्ट ब्लेयर तक और पोर्ट ब्लेयर से गोवा तक की समुद्री यात्रा की थी।
उन्होंने बताया कि दोनों महिला अधिकारियों ने इस साल की शुरुआत में गोवा से मॉरीशस के पोर्ट लुईस तक की समुद्री यात्रा भी ‘डुअल-हैंड मोड’ में सफलतापूर्वक पूरी की थी।
मधवाल ने कहा, “भारतीय नौसेना ने समुद्री विरासत को संरक्षित करने और नाविक कौशल को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए नौकायन परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए कई अहम प्रयास किए हैं।”
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने आईएनएस तरंगिनी और आईएनएस सुदर्शिनी जैसे प्रशिक्षण जहाजों और आईएनएसवी म्हादेई तथा आईएनएसवी तारिणी जैसे नौकायन जहाजों के माध्यम से समुद्री नौकायन अभियानों में अग्रणी भूमिका निभाई है।
मधवाल ने कहा, “समुद्री कौशल और साहस का जश्न मनाने के लिए भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी-लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. बहुत जल्द ‘आईएनएसवी तारिणी’ पर सवार होकर दुनिया का चक्कर लगाने के असाधारण अभियान पर रवाना होंगी।”
‘आईएनएसवी तारिणी’ को 2017 में ऐतिहासिक ‘नाविका सागर परिक्रमा’ के तहत पूरी तरह से महिला चालक दल के साथ दुनिया का चक्कर लगाने के लिए जाना जाता है।
मधवाल के मुताबिक, ‘आईएनएसवी तारिणी’ की अगली यात्रा भारत के समुद्री नौकायन उद्यम और समुद्री अभियानों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी, जो वैश्विक समुद्री गतिविधियों और लैंगिक समानता के मामले में देश की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डालेगी।
भाषा पारुल