हम शांति कायम रखने की अपील करते हैं, पर्यटकों का स्वागत है: मुख्यमंत्री सुक्खू
वैभव प्रशांत
- 13 Sep 2024, 07:33 PM
- Updated: 07:33 PM
(तस्वीर के साथ)
शिमला, 13 सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मंडी में मस्जिद के ‘अनधिकृत’ ढांचे को गिराने की हिंदू संगठनों की मांग और उनके प्रदर्शन के बाद पैदा हुए तनाव के बीच राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को जनता से शांति और भाईचारा कायम रखने की अपील की और कहा कि पर्यटकों का राज्य में स्वागत है।
सुक्खू ने यहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रणधीर शर्मा, माकपा नेता राकेश सिंघा और आम आदमी पार्टी के नेता सुरजीत सिंह तथा अन्य के साथ एक सर्वदलीय बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम शांति और भाईचारा कायम रखने और पर्यटकों का स्वागत करने की अपील करते हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने सभी से अपील की है कि शांति बनाकर रखें और भड़काऊ बयान नहीं दें। किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। हम सभी का सम्मान करते हैं। हिमाचल की धरती पर सभी धर्मों का सम्मान है।’’
मंडी शहर में एक मस्जिद के ‘अतिक्रमण वाले’ ढांचे को गिराने की मांग को लेकर हिंदू संगठनों द्वारा शुक्रवार को किए गए प्रदर्शन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विरोध प्रदर्शन का राज्य है।
उन्होंने सर्वदलीय बैठक के बाद यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम सभी यहां छात्र आंदोलन की उपज हैं।’’
सुक्खू ने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश विरोध प्रदर्शन का राज्य है। भाजपा, माकपा और बेरोजगारों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। विरोध लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन यह शांतिपूर्ण होना चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग खुद आगे आए हैं और उन्होंने अनधिकृत संरचनाओं को गिराने की पेशकश की है और यहां तक कि बृहस्पतिवार को मंडी में मस्जिद के एक हिस्से को गिरा भी दिया।
उनके कदम का स्वागत करते हुए सुक्खू ने कहा कि बैठक में यह संकल्प लिया गया है कि राज्य में शांति और भाईचारा कायम रहना चाहिए और सभी अनधिकृत निर्माण कार्यों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने दोहराया कि किसी को भी किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई धार्मिक मुद्दा नहीं है। सभी समुदाय समान हैं और यहां शांतिपूर्वक रहते हैं। दो व्यक्तियों के बीच एक छोटे से विवाद के कारण वर्तमान स्थिति उत्पन्न हुई। स्थानीय नेताओं ने स्थानीय विवाद को हवा दी।’’
समस्या तब शुरू हुई जब 30 अगस्त की रात को मल्याणा में हिंदू समुदाय के एक स्थानीय दुकानदार और अन्य दुकानदारों पर अल्पसंख्यक समुदाय के आधा दर्जन लोगों ने रॉड और डंडों से हमला कर दिया। हमले में चार दुकानदार घायल हो गए। यह लड़ाई कहासुनी के बाद शुरू हुई थी और हिंदू समुदाय के एक स्थानीय व्यापारी के सिर में चोट आई।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुख्य समस्या रेहड़ी-पटरी वालों की है और स्थानीय लोग उन्हें अपनी दुकानों के सामने बैठने के लिए जगह किराए पर देते हैं। इसके परिणामस्वरूप चलने के लिए भी जगह नहीं रहती है। विधानसभा अध्यक्ष को रेहड़ी-पटरी वालों के लिए नीति बनाने के लिहाज से एक समिति गठित करने के लिए अधिकृत किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है और यहां हर किसी को काम करने का अधिकार है, लेकिन कानून के दायरे में। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी दलों का मानना है कि हिमाचल एक शांतिपूर्ण राज्य है और इसे ऐसा ही रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए।
बुधवार को शिमला में विरोध प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज और पथराव की घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते हैं, लेकिन हर जगह कुछ शरारती तत्व होते हैं जो दूसरों को भड़काते हैं।
सुक्खू ने अपनी सरकार के मंत्री और कांग्रेस नेता अनिरुद्ध सिंह के इस आरोप पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि पिछली भाजपा सरकार ने कोविड के समय में मस्जिद के निर्माण के लिए धन मुहैया कराया था।
भाषा वैभव