अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से तुरंत इस्तीफा देना चाहिए: भाजपा
ब्रजेन्द्र दिलीप
- 13 Sep 2024, 03:46 PM
- Updated: 03:46 PM
(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें केवल सशर्त जमानत दी है और वह आबकारी नीति ‘घोटाले’ से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी बने रहेंगे।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जेल वाला सीएम अब बेल वाला हो गया है, क्योंकि उन्हें सशर्त जमानत मिली है और वह भी 10 लाख रुपये का मुचलका भरकर। उन्हें राहत नहीं मिली है, ना ही वह आरोप मुक्त हुए हैं। इसका मतलब है कि मामले में आधार, साक्ष्य और प्रमाण हैं। इसीलिए प्रथम दृष्टया मुकदमा चलना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने ‘कट्टर बेईमान’ अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए आईना दिखाया है। केजरीवाल को तुरंत पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।’’
भाजपा की यह प्रतिक्रिया कथित दिल्ली आबकारी घोटाला को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज मामले में केजरीवाल को शीर्ष अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद आई है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने केजरीवाल को 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों पर जमानत दी और कहा कि लंबे समय तक जेल में रखना स्वतंत्रता से अन्यायपूर्ण तरीके से वंचित करने के समान है।
सुनवाई के दौरान अदालत की ओर से की गई कुछ टिप्पणियों का हवाला देते हुए भाटिया ने कहा कि मुख्यमंत्री संवैधानिक पद पर बैठे हैं, लेकिन वह मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे। भाटिया ने कहा कि इतना ही नहीं, उन्हें प्रत्येक सोमवार और बृहस्पतिवार को मामले के अन्वेषण अधिकारी (आईओ) के समक्ष हाजिरी लगानी होगी।
भाटिया ने कहा, ‘‘वह (केजरीवाल) किस निम्न स्तर पर भारतीय राजनीति को लेकर आए हैं। सोमवार और बृहस्पतिवार को 10 से 11:00 बजे आईओ के सामने खड़े होंगे। यह दिल्ली की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। दिल्ली के लोगों को एक बेहतर मुख्यमंत्री की जरूरत है।’’
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, ‘‘वह अभियुक्त हैं। उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है। क्या दिल्ली को ऐसा मुख्यमंत्री चाहिए? यह वही ‘पापी’ आप (आम आदमी पार्टी) है, जिसके रग-रग में भ्रष्टाचार भरा है। मुख्यमंत्री बेल वाला, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया बेल वाले, नेता संजय सिंह बेल वाले... यह कैसी पार्टी है भाई। कोई नैतिकता नहीं बची है?’’
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत दी गई थी और दो जून को आत्मसमर्पण करने के बाद से वह जेल में हैं।
शीर्ष अदालत ने केजरीवाल को मामले के संबंध में कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया और कहा कि ईडी मामले में लागू नियम व शर्तें इस मामले में भी लागू रहेंगी।
शीर्ष अदालत ने ईडी मामले में उन्हें जमानत देते हुए कहा था कि केजरीवाल अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते और जब किसी बहुत जरूरी मामले में ऐसा करना हो, तो उन्हें उपराज्यपाल से मंजूरी लेनी होगी।
भाटिया ने कहा कि ऐसा लगता है केजरीवाल कुर्सी पर ‘फेविकोल’ डालकर बैठे हैं और उन्होंने तय कर रखा है कि कुछ भी हो जाए पद नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह जो फटकार (अदालत की) लगी है, जो सशर्त जमानत मिली है... हम मांग करते हैं कि ‘कट्टर बेईमान, पापी’ अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें। वरना जनता के पास बहुत ताकत है। आप देखिएगा, वह भी दिन आएगा जब वह इस्तीफा देंगे।’’
भाटिया ने कहा कि केजरीवाल पहले कहा करते थे कि अगर किसी पर आरोप भी लग जाए, तो उसे तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उनसे नैतिकता की उम्मीद नहीं की जा सकती। एक दिन भी अगर कोई मुख्यमंत्री जेल में हो, तो वह बहुत है इस्तीफा देने के लिए।’’
भाजपा प्रवक्ता ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से कोलकाता के आरजी कर बलात्कार-हत्या मामले में बृहस्पतिवार को की गई इस्तीफे की पेशकश का जिक्र करते हुए कहा कि इसी प्रकार अरविंद केजरीवाल को भी झुकना पड़ेगा।
पीठ ने अपने फैसले में कहा कि अपीलकर्ता की गिरफ्तारी अवैध नहीं थी और जांच के उद्देश्य से किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने में कोई बाधा प्रतीत नहीं होती, जो पहले से ही किसी अन्य मामले में हिरासत में हो।
भाटिया ने कहा कि केजरीवाल बार-बार अपनी गिरफ्तारी को अवैध ठहराते रहे हैं, जबकि आज अदालत ने भी उन्हें गलत साबित कर दिया।
अदालत की ओर से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के लिए ‘पिंजरे का तोता’ वाली टिप्पणी किये जाने के बारे पूछे जाने पर भाटिया ने कहा कि उसे कांग्रेस ने ऐसा बनाया था।
उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई आज बाज बन चुका है। भ्रष्टाचारियों को नोंच और काट रहा है। इसलिए भ्रष्टाचारियों को दर्द हो रहा है।’’
शीर्ष अदालत की ओर से जमानत दिए जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया, मिठाइयां बाटीं और पटाखे फोड़े।
पार्टी ने इस फैसले के लिए उच्चतम न्यायालय का आभार जताया और इसे ‘सच्चाई की जीत’ करार दिया।
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने बाद में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जश्न मनाकर ‘आप’ (आम आदमी पार्टी) दिल्ली की जनता को भ्रमित कर रही है और ‘सत्यमेव जयते’ का मखौल उड़ा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘उनको ना तो मुख्यमंत्री कार्यालय जाने के योग्य समझा गया है और ना ही किसी फाइल पर हस्ताक्षर करने के योग्य। यानी मुख्यमंत्री केजरीवाल एक ‘बेपरवाह’ सरकार के एक ‘लापरवाह’ मुख्यमंत्री हैं। वह सर से पांव तक शराब घोटाले के भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं।’’
उन्होंने कहा कि जमानत मिलना एक प्रक्रियात्मक चीज है, लेकिन आम आदमी पार्टी की पुरानी आदत है प्रचार, प्रसार और भ्रष्टाचार।
उन्होंने कहा, ‘‘आज वह अपने भ्रष्टाचार का जश्न जरूर मना रहे हैं। यह चोरी और सीनाजोरी है।’’
स्वराज ने कहा कि शराब ‘घोटाले के सरगना केजरीवाल’ को जमानत दी गई है, क्योंकि यह प्रक्रियात्मक है और वह भी इसलिए क्योंकि सुनवाई में देरी हो रही थी।
उन्होंने कहा, ‘‘आप जब इसे सत्यमेव कहती है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्हें सत्यमेव जयते का माखौल नहीं उड़ाना चाहिए। वह कार्यालय नहीं जा सकते, फाइल पर हस्ताक्षर की अनुमति नहीं है, तो बताइए किस प्रकार का सत्यमेव जयते।’’
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं की ओर से अदालत के फैसले का स्वागत किए जाने संबंधी एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘चोर-चोर मौसेरे भाई’।
उन्होंने कहा, ‘‘ ‘इंडी एलायंस’ की पुरानी आदत है कि वे भ्रष्टाचार और बलात्कारियों को बचाने का पूरा प्रयास करते हैं। भ्रष्टाचार के विरुद्ध भाजपा की लड़ाई चुनावी मुद्दा नहीं है। हमारे लिए यह एक सैद्धांतिक मुद्दा है और भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत की जनता के हित में भाजपा की लड़ाई जारी रहेगी।’’
भाषा ब्रजेन्द्र
ब्रजेन्द्र