सूरत की अदालत ने दंगा करने को लेकर 23 आरोपियों को पुलिस हिरासत, चार को न्यायिक हिरासत में भेजा
सुभाष नेत्रपाल
- 10 Sep 2024, 10:42 PM
- Updated: 10:42 PM
सूरत, 10 सितंबर (भाषा) सूरत की एक अदालत ने शहर में गणेश पंडाल पर पथराव करने को लेकर छह नाबालिगों को हिरासत में लिए जाने के विरोध में हुए प्रदर्शन के बाद दंगा और हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार 27 लोगों में से 23 को मंगलवार को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
सूरत में रविवार को एक पुलिस चौकी के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया था और यह हिंसक हो गया जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिस ने 27 आरोपियों को अदालत में पेश किया और एक अर्जी दी, जिसमें यह पता लगाने के लिए उनका 14 दिन का रिमांड मांगा गया कि क्या दंगा पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा था।
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट जे पी प्रजापति ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 23 आरोपियों को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया तथा चार अन्य को उनकी मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति के कारण न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया।
इन सभी आरोपियों को सोमवार शाम हत्या का प्रयास, जानबूझकर चोट पहुंचाने, गैरकानूनी रूप से एकत्र होने, दंगा करने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया तथा मंगलवार शाम अदालत में पेश किया गया।
गणपति उत्सव के दौरान कुछ नाबालिगों द्वारा कथित तौर पर एक पंडाल पर पत्थर फेंके जाने के बाद भगवान गणेश की मूर्ति खंडित हो गई थी। रविवार देर रात सैयदपुरा इलाके में हुई पथराव की घटना के सिलसिले में आधा दर्जन नाबालिगों को हिरासत में लिए जाने के बाद कार्रवाई का विरोध करने के लिए लालगेट पुलिस थाना चौकी पर भीड़ जमा हो गई।
पुलिस के अनुसार, 200 से 300 लोगों की भीड़ ने पथराव किया, जिससे दो पुलिसकर्मियों के सिर में चोटें आईं, जबकि कुछ अन्य पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आईं।
इसने अदालत से कहा कि वह यह पता लगाना चाहती है कि क्या दंगों का कोई सूत्रधार भी था जो शहर में सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करने की कोशिश कर रहा था।
गणेश पंडाल और पुलिस चौकी पर हमले के संबंध में लालगेट थाने में तीन अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।
भाषा सुभाष