धवल बुच की नियुक्ति की वजह विशेषज्ञता: एमएंडएम, डॉ रेड्डीज, पिडिलाइट ने कांग्रेस के आरोपों पर कहा
अजय पाण्डेय
- 10 Sep 2024, 08:47 PM
- Updated: 08:47 PM
नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) महिंद्रा एंड महिंद्रा, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज और पिडिलाइट इंडस्ट्रीज ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने धवल बुच की सेवाएं उनकी विशेषज्ञता के कारण ली थीं।
दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने इन नियुक्तियों के चलते उनकी पत्नी और सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच पर हितों के टकराव का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि सेबी की चेयरपर्सन बुच के पास एक फर्म में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जिसने महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) समूह को परामर्श सेवाएं दीं और उनके पति को समूह से 4.78 करोड़ रुपये की आय हुई।
कांग्रेस पार्टी ने यह आरोप भी लगाया कि इसी समय माधवी एमएंडएम से जुड़े मामलों का निपटारा कर रही थीं।
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने शेयर बाजार को दी जानकारी में धवल बुच को किए गए भुगतान पर हितों के टकराव के आरोपों का खंडन किया। समूह ने आरोपों को ''झूठा और भ्रामक'' बताया।
कंपनी ने कहा कि धवल बुच, माधवी बुच के सेबी चेयरपर्सन बनने से लगभग तीन साल पहले महिंद्रा समूह में शामिल हुए थे।
आरोपों का जवाब देते हुए, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ने कहा कि उसने अक्टूबर, 2020 से अप्रैल, 2021 तक सीमित अवधि के लिए 6.58 लाख रुपये के कुल पारिश्रमिक पर अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड के धवल बुच को नियुक्त किया था।
कंपनी ने यह भी कहा कि वह नियमित रूप से ऐसी नियुक्तियां करती है और यूनिलीवर के लिए वैश्विक स्तर पर धवल बुच का काम कंपनी के अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए उन्हें योग्य बनाता है।
पिडिलाइट इंडस्ट्रीज ने भी स्पष्ट किया कि कंपनी कई भागीदारों और सलाहकारों के साथ जुड़ती है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में प्रसिद्ध पेशेवर हैं।
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि अपनी नियमित आवश्यकताओं के तहत वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी ने इन क्षेत्रों में सेवाओं के लिए अगोरा एडवाइजरी के धवल बुच को नियुक्त किया था, जो विश्वस्तर पर प्रसिद्ध आपूर्ति श्रृंखला और खरीद पेशेवर हैं।
कंपनी ने कहा कि सेबी की ओर से उसके खिलाफ कभी कोई पूछताछ नहीं की गई या कोई मामला नहीं आया।
भाषा अजय पाण्डेय