भारत, यूएई ने ऊर्जा संबंधों को विस्तार देने के लिए चार प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए
सिम्मी नेत्रपाल
- 10 Sep 2024, 12:15 AM
- Updated: 12:15 AM
नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अबू धाबी के युवराज (क्राउन प्रिंस) शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ सोमवार को व्यापक वार्ता की तथा दोनों देशों ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए जो कच्चे तेल के भंडारण, एलएनजी (तरल प्राकृतिक गैस) की दीर्घकालिक आपूर्ति और असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को आसान बनाएंगे।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बताया कि दोनों नेताओं ने नए क्षेत्रों, विशेष रूप से परमाणु ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिजों, हरित हाइड्रोजन, कृत्रिम मेधा (एआई) और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में संभावनाओं को तलाशने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडनॉक) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के बीच दीर्घकालिक एलएनजी आपूर्ति के लिए एक समझौता और एडनॉक एवं इंडिया स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (आईएसपीआरएल) के बीच एक समझौता चार समझौतों में शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, अमीरात परमाणु ऊर्जा कंपनी (ईएनईसी) और न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने भी बाराकाह परमाणु ऊर्जा संयंत्र के संचालन और रखरखाव के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
चौथा समझौता अबू धाबी तटवर्ती ब्लॉक-वन के लिए ऊर्जा भारत और एडनॉक के बीच उत्पादन रियायत समझौता है। भारत में फूड पार्क स्थापित करने के लिए गुजरात सरकार और अबू धाबी डेवलपमेंट होल्डिंग कंपनी पीजेएससी के बीच एक अलग समझौता किया गया।
एडनॉक सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को सालाना 10 लाख टन तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की आपूर्ति करेगी। इसके लिए आईओसी ने तीसरे एलएनजी आपूर्ति सौदे पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की कंपनी एडनॉक के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
एक साल से कुछ अधिक समय में एडनॉक और सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय कंपनियों के बीच यह तीसरा एलएनजी आपूर्ति समझौता है। एडनॉक गैस ने पिछले साल जुलाई में सालाना 12 लाख टन तक एलएनजी निर्यात के लिए आईओसी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसका मूल्य 14 साल की अवधि में सात अरब डॉलर से नौ अरब डॉलर के बीच था।
इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल (इंडिया) लि. ने 10 साल के लिए सालाना पांच लाख टन एलएनजी खरीदने के लिए एडनॉक गैस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसकी शुरुआत 2026 से होगी।
दीर्घकालिक एलएनजी अनुबंध हाजिर एलएनजी बाजार में अस्थिरता को दूर करने के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। यह किफायती और भरोसेमंद एलएनजी आपूर्ति की व्यवस्था बनाते हैं।
एडनॉक गैस अबू धाबी सरकार की राष्ट्रीय तेल और गैस कंपनी है और पश्चिम एशिया की प्राकृतिक गैस की सबसे पुरानी आपूर्तिकर्ता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि एडनॉक और आईएसपीआरएल के बीच समझौता ज्ञापन में भारत में कच्चे तेल के भंडारण के लिए अतिरिक्त अवसरों में एडीएनओसी की भागीदारी की संभावना तलाशने और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य शर्तों पर उनके भंडारण और प्रबंधन समझौते के नवीनीकरण का प्रावधान है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि मोदी और युवराज अल नाहयान ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने के उद्देश्य से भारत और यूएई के बीच बहुआयामी संबंधों पर चर्चा की।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत-यूएई संबंधों में शानदार प्रगति हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अबू धाबी के युवराज शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की।’’
जायसवाल ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने बहुआयामी भारत-यूएई संबंधों और नए एवं उभरते क्षेत्रों में व्यापक रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने के अवसरों पर चर्चा की।’’
नाहयान अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के तहत रविवार को नयी दिल्ली पहुंचे। वह मंगलवार को मुंबई जाएंगे और भारत-यूएई व्यापार मंच में भाग लेंगे।
मोदी से बातचीत के बाद शाह ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
जायसवाल ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘उनकी शिक्षाएं हमें प्रेरित करती रहती हैं। हम यूएई के साथ अपनी दोस्ती को मजबूत कर रहे हैं।’’
समझा जाता है कि अपनी बातचीत के दौरान मोदी और अल नाहयान ने गाजा में स्थिति सहित वैश्विक चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया।
भारत-यूएई संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रगाढ़ता आई है। अगस्त 2015 में मोदी की यूएई की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था।
दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये और दिरहम (संयुक्त अरब अमीरात की मुद्रा) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2022 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) और जुलाई 2023 में एक स्थानीय मुद्रा निपटान (एलसीएस) प्रणाली पर हस्ताक्षर किए।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में लगभग 85 अरब अमेरिकी अमरीकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ दोनों देश एक-दूसरे के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से हैं। 2022-23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भी यूएई, भारत में शीर्ष चार निवेशकों में शामिल है।
यूएई में करीब 35 लाख भारतीय रहते हैं। पिछले साल भारत की अध्यक्षता में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में यूएई को बतौर विशेष आमंत्रित देश न्योता दिया गया था।
भारत की अध्यक्षता के दौरान जी20 समूह के लिए विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में यूएई को आमंत्रित किया गया था।
फरवरी 2023 में भारत-यूएई-फ्रांस (यूएफआई) त्रिपक्षीय रूपरेखा को औपचारिक रूप से शुरू किया गया था। भारत के सक्रिय समर्थन के साथ, यूएई मई 2023 में एससीओ में संवाद भागीदार के रूप में शामिल हुआ।
यूएई भी भारत के समर्थन से एक जनवरी को ब्रिक्स में सदस्य के रूप में शामिल हुआ था। भारत-यूएई रक्षा सहयोग में भी पिछले कुछ वर्षों में एक नयी गति देखी गई है।
जनवरी 2024 में, राजस्थान में पहला भारत-यूएई द्विपक्षीय सेना अभ्यास ‘डेजर्ट साइक्लोन’ आयोजित किया गया था।
भाषा सिम्मी