जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री लावरोव से रियाद में मुलाकात की
अमित अविनाश
- 09 Sep 2024, 08:03 PM
- Updated: 08:03 PM
रियाद, नौ सितंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की।
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिन पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष के संबंध में भारत का नाम उन तीन देशों में शामिल किया था जिनसे वह लगातार संपर्क में हैं।
दोनों मंत्रियों के बीच बातचीत भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हुई। दोनों मंत्री खाड़ी सहयोग परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठकों में भाग लेने के लिए सऊदी अरब की राजधानी में हैं।
रूसी विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बैठक की।"
बृहस्पतिवार को पुतिन ने भारत का नाम उन तीन देशों में लिया था, जिनके साथ वह यूक्रेन संघर्ष को लेकर लगातार संपर्क में हैं और कहा था कि वे इसे सुलझाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं।
व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकनोमिक फोरम (ईईएफ) के पूर्ण अधिवेशन में पुतिन ने कहा था, "अगर यूक्रेन की इच्छा बातचीत जारी रखने की है, तो मैं ऐसा कर सकता हूं।"
पुतिन की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा के दो सप्ताह के भीतर आई, जहां उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ बातचीत की।
रूस की संवाद समिति तास ने पुतिन के हवाले से कहा, "हम अपने मित्रों और भागीदारों का सम्मान करते हैं, जो, मेरा मानना है, इस संघर्ष से जुड़े सभी मुद्दों को ईमानदारी से हल करना चाहते हैं, मुख्य रूप से चीन, ब्राजील और भारत। मैं इस मुद्दे पर अपने सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में हूं।’’
रूस के राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पिछले सप्ताह इजवेस्टिया दैनिक को बताया था कि भारत यूक्रेन पर बातचीत शुरू करने में मदद कर सकता है।
मोदी और पुतिन के बीच मौजूदा "अत्यधिक रचनात्मक, यहां तक कि मैत्रीपूर्ण संबंधों" को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री "इस संघर्ष में शामिल पक्षों से प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं," क्योंकि वह "पुतिन, जेलेंस्की और अमेरिकियों के साथ स्वतंत्र रूप से संवाद करते हैं।"
हालांकि, उन्होंने कहा था कि मोदी के लिए इस मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए "कोई विशेष योजना" नहीं है।
क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘हमें अभी बातचीत के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं दिखती।"
मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किया था, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा था कि यूक्रेन और रूस दोनों को बिना समय गंवाये जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए एकसाथ बैठना चाहिए और भारत इस क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए "सक्रिय भूमिका" निभाने के लिए तैयार है।
यूक्रेन की उनकी लगभग नौ घंटे की यात्रा, 1991 में उसकी स्वतंत्रता के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। मोदी की यूक्रेन की यह यात्रा रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ शिखर वार्ता के छह सप्ताह बाद हुई थी।
कीव में जेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत में, मोदी ने कहा कि भारत संघर्ष की शुरुआत से ही शांति के पक्ष में था और वह संकट के शांतिपूर्ण समाधान में व्यक्तिगत रूप से योगदान देना भी चाहेंगे।
जयशंकर तीन देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में रविवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचे थे, जहां वे पहली भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक में हिस्सा लेने आये हैं।
जीसीसी एक प्रभावशाली समूह है, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में जीसीसी देशों के साथ भारत का कुल व्यापार 184.46 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
रियाद से जयशंकर जर्मनी जाएंगे, जहां वे जर्मन विदेश मंत्री के साथ-साथ जर्मन सरकार के नेतृत्व और अन्य मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा करेंगे। यह बर्लिन की उनकी तीसरी द्विपक्षीय यात्रा होगी। अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में जयशंकर जिनेवा जाएंगे।
भाषा
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