गोयल ने मोटर वाहन कलपुर्जा विनिर्माताओं से उत्पादन बढ़ाने, आयात कम करने का किया आह्वान
निहारिका अजय
- 09 Sep 2024, 06:05 PM
- Updated: 06:05 PM
नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को भारतीय मोटर वाहन कलपुर्जा विनिर्माताओं से आयात पर निर्भरता कम करने और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के तरीके तलाशने को कहा, ताकि देश इन उत्पादों का शुद्ध निर्यातक बन सके।
मंत्री ने इन कंपनियों से 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखने का भी आग्रह किया।
मोटर वाहन कलपुर्जा उद्योग को संबोधित करते हुए उन्होंने विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निरंतर निर्भरता पर चिंता व्यक्त की तथा घरेलू विनिर्माताओं को स्थानीय उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे कई कलपुर्जा विनिर्माता अब भी दक्षिण कोरिया, जापान, ताइवान और किसी पड़ोसी देश से कच्चे माल की आवश्यकता के कारण आयात करते हैं, मुझे नहीं मालूम कि ऐसा किसी मजबूरी के कारण होता है या स्वेच्छा से..’’
गोयल ने कहा कि विशाल भारतीय बाजार और वैश्विक अवसरों के साथ उद्योग वर्ष 2030 तक निर्यात को वर्तमान 21.5 अरब डॉलर से बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक पहुंचा सकता है।
मंत्री ने कहा कि सरकार 20 स्मार्ट औद्योगिक शहरों का विकास कर रही है, जिनमें उद्योगों के लिए आवश्यक संपूर्ण परिवेश होगा तथा कलपुर्जा क्षेत्र इन औद्योगिक टाउनशिप में अवसरों की तलाश कर सकता है।
इसके अलावा, मुक्त व्यापार समझौतों पर गोयल ने कहा कि कई एफटीए चर्चाओं और वार्ताओं में, वाणिज्य मंत्रालय को भारतीय उद्योग को इसमें शामिल करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है, उन्हें इन समझौतों तथा खुले बाजारों के लाभ को समझाने का प्रयास करना पड़ता है।
इन समझौतों से भारतीय उद्योग को भी लाभ मिलता है क्योंकि ये समझौते आधुनिक प्रौद्योगिकी लाते हैं और कार्यकुशलता में सुधार करते हैं।
गोयल ने कहा, ‘‘ लेकिन अक्सर कई क्षेत्र इसे आसानी से नहीं समझ पाते हैं, कुछ तो कभी समझ ही नहीं पाए। हालांकि, मुझे यह स्वीकार करना होगा कि मोटर वाहन कलपुर्जा विनिर्माण एक ऐसा क्षेत्र है जो दुनिया में कहीं से भी विश्व प्रतिस्पर्धा की बात आने पर वास्तव में साहसी रहा है और सभी एफटीए वार्ताओं में सक्रिय रहा है’’
गोयल ने उद्योग जगत से ईएफटीए देशों में भी निवेश के अवसर तलाशने को कहा, जिन्होंने भारत के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत और चार देशों के यूरोपीय ब्लॉक ईएफटीए ने मार्च में एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत भारत को अगले 15 वर्षों में 10 लाख नौकरियों के सृजन के लिए 100 अरब अमेरिकी डॉलर निवेश की प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है।
भाषा निहारिका