राजद के हरा गमछा की जगह हरी टोपी पहनने के लिए कहे जाने पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू
अनवर शफीक
- 05 Sep 2024, 10:25 PM
- Updated: 10:25 PM
पटना, पांच सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव द्वारा 10 सितंबर से शुरू होने वाले ‘कार्यकर्ता संवाद यात्रा’ के दौरान पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से हरा गमछा की जगह हरी टोपी/बैज लगाए जाने को प्राथमिकता दिए जाने पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह द्वारा इसको लेकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए हाल ही में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इसे लेकर विपक्षी दल पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया, ‘‘राजद एक संस्कृति है, जो अराजकता, भय और समाज के अंदर उन्माद पैदा करता है। इनके गमछा और मुरेठा को देखते ही लोग इनकी पहचान कर लेते हैं। वे रंगभेद, जाति भेद, क्षेत्रवाद करते रहेंगे। जनता जान गई है कि जो अराजकता उत्पन्न करता है, वह असुर है और असुर कभी मानवता के हित में नहीं हो सकता है।’’
बिहार के वरिष्ठ मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल से इस बाबत पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अब गमछा पर क्यों रोक लगायी है, यह वही लोग जानें। सतर्क, सावधान हो रहे हैं क्योंकि उनके लोग गड़बड़ी करते पकड़े जा रहे हैं, तो उनको लग रहा है कि बचकर रहें।’’
गमछा को लेकर भाजपा नेताओं की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने आरोप लगाया कि भाजपा की छवि समाज में माहौल खराब करने और नफरत फैलाने की रही है जबकि राजद हमेशा सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता की बात करता है और भारत की गंगा-जमुनी तहजीब और संस्कृति को मजबूत बनाने की कोशिश में लगा रहता है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कहा, ‘‘समय के साथ परिवर्तन तो होता ही रहता है, अब आरएसएस को देख लीजिए ‘हाफ पैंट से फुल पैंट’ में आ गए। भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेता प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए इस तरह के मुद्दों को तूल देते रहते हैं। प्रदेश में बढ़ रहे अपराध को लेकर वे चुप्पी साधे हुए हैं।’’
भाषा अनवर