हिन्दू दक्षिणपंथी संगठनों ने शिमला में ‘अवैध’ मस्जिद को लेकर व्यापक स्तर पर विरोध-प्रदर्शन किया
खारी माधव
- 05 Sep 2024, 04:55 PM
- Updated: 04:55 PM
(तस्वीरों सहित)
शिमला, पांच सितंबर (भाषा) हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने बृहस्पतिवार को विधानसभा के पास चौड़ा मैदान में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया और संजौली में एक ‘‘अवैध’’ मस्जिद को गिराने की मांग की।
देव भूमि क्षेत्रीय संगठन के अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने ‘‘सनातनियों’’ से शिमला में इकट्ठा होने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि राज्यभर के लोगों ने उनके आह्वान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और ‘‘सनातन एकता’’ का प्रदर्शन किया।
मलाणा क्षेत्र में एक सितंबर को एक व्यवसायी पर कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने हमला कर दिया था जिसके परिणामस्वरूप बृहस्पतिवार को यह प्रदर्शन किया गया।
घटना के तुरंत बाद, लोग संजौली के बाहर मलाणा क्षेत्र में इकट्ठा हुए और वहां एक मस्जिद को गिराने की मांग की।
ठाकुर ने आरोप लगाया कि बाहरी लोग बड़ी संख्या में हिमाचल प्रदेश में आ रहे हैं और उन्होंने सरकार से ऐसे लोगों की पहचान सत्यापित करने तथा उनके कारोबार को पंजीकृत करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को उन्हें फोन किया और मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया।
सुक्खू ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा कि राज्य के सभी निवासियों के समान अधिकार हैं और वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘शांतिपूर्ण विरोध से कोई दिक्कत नहीं, लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है और मामला पिछले 14 वर्षों से न्यायालय में विचाराधीन है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि किसी भी अतिक्रमणकारी के खिलाफ कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और जो भी कार्रवाई की जाएगी, वह कानून के मापदंडों के तहत होगी, चाहे वह नगर निगम द्वारा की जाए या पुलिस द्वारा।’’
भाषा खारी