मणिपुर के ग्रामीण ड्रोन हमलों से भयभीत; घर छोड़कर सामुदायिक भवन में ले रहे शरण
अविनाश पवनेश
- 04 Sep 2024, 08:49 PM
- Updated: 08:49 PM
(चिंगखींगनबा फंजौबम)
इंफाल, चार सितंबर (भाषा) मणिपुर के सेजम चिरांग के ग्रामीणों का एक तबका दो दिन पहले ड्रोन से बम गिराए जाने के बाद अपने घरों को छोड़कर पास के सामुदायिक भवन में शरण लेने के लिए मजबूर है। ड्रोन से बम गिराए जाने की इस घटना में एक स्थानीय व्यक्ति के परिवार के तीन सदस्य घायल हो गए थे।
पहला बम 65 वर्षीय किसान के घर की छत से टकराया जिससे उनकी बेटी घायल हो गई। कुछ ही मिनट बाद, आसमान से एक और बम गिरा, जिससे वह और उनका बेटा घायल हो गए।
वाथम गंभीर ने कहा कि ड्रोन से तीन बम गिराए गए जिसमें से एक में हुए विस्फोट से उनके घर की छत टूट गयी। एक बम से उनके गोशाला को नुकसान हुआ, जो उस समय खाली थी। एक बम से वह और उनका बेटा घायल हो गया।
पिछले साल मई से मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। ड्रोन से हमला इस संघर्ष में नयी बात है।
मणिपुर में रविवार को इंफाल पश्चिम जिले के कोउतरक गांव में रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित ड्रोन का हथियार के रूप में इस्तेमाल पहली बार देखा गया। इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए। उसके अगले दिन करीब तीन किलोमीटर दूर सेजम चिरांग में फिर ड्रोन का इस्तेमाल किया गया।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ड्रोन का इस्तेमाल कर नागरिकों और सुरक्षा बलों पर बम गिराने को आतंकवादी कृत्य बताया है। राज्य सरकार ने ड्रोन या उनके घटकों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
गंभीर ने कहा, "रविवार को जब हमने ड्रोन की आवाज सुनी तो हम चिंतित हो गए। हमने यह भी सुना कि कोउतरह में बम गिराए गए। अगले दिन हमारे गांव को निशाना बनाया गया।"
बुजुर्ग किसान ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्हें शुरू में लगा कि यह आवाज रिहायशी इलाकों की जांच कर रहे ड्रोन से आ रही है, क्योंकि सेजम चिरांग में पहले भी बार कई गोलीबारी हो चुकी है।
उन्होंने कहा, "हालांकि, कुछ ही सेकंड में हमने जोरदार धमाका सुना। मैं अपने बेटे के साथ घर से बाहर भागा और देखा कि गौशाला से धुआं निकल रहा है। दूसरे बम हमले से हमारे बेडरूम की छत टूट गयी, जहां मेरी बेटी थी और वह घायल हो गई।"
एक ग्रामीण स्वयंसेवक नाओबा सिंह ने संदेह जताया कि रात में इस्तेमाल किए जाने वाले हाई-टेक ड्रोन देश के बाहर से लाए गए थे।
मेइती और कुकी दोनों समुदायों ने अपने गांवों को दूसरे समुदाय के हमले से बचाने के लिए सशस्त्र स्वयंसेवी समूह बनाए हैं।
एक अन्य ग्रामीण डब्ल्यू इनाओ ने कहा, "हम अब डरे हुए हैं और दिन में भी घर पर नहीं रह रहे हैं। करीब 10 परिवारों ने पास के सामुदायिक भवन में शरण ली है।"
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि पहले राज्य के बाहर से ड्रोन खरीदने का चलन था, लेकिन उनका इस्तेमाल मनोरंजन के लिए किया जाता था। उन्होंने कहा, "हिंसा शुरू होने के साथ ही दोनों विरोधी समूहों ने निगरानी और लोगों की आवाजाही पर नज़र रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया है।"
भाषा अविनाश