चिकित्सक से बलात्कार व हत्या : बंगाल की तीन रंगमंच और फिल्मी हस्तियां राजकीय सम्मान लौटाएंगे
धीरज सुभाष
- 04 Sep 2024, 12:22 AM
- Updated: 12:22 AM
कोलकाता, तीन सितंबर (भाषा) कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार व उसकी हत्या के मामले को लेकर नागरिक समाज संस्थाओं के जारी विरोध प्रदर्शन के बीच, पश्चिम बंगाल की तीन प्रमुख रंगमंच और फिल्मी हस्तियों ने राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त सम्मान लौटाने की मंगलवार को घोषणा की।
सम्मान लौटाने वाली हस्तियों में ‘बारीवाली’ जैसी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मों के लिए चर्चित अभिनेत्री सुदीप्त चक्रवर्ती हैं, रंगमंच कलाकार बिप्लब बंद्योपाध्याय और अभिनेता चंदन सेन शामिल हैं।
चक्रवर्ती ने जुलाई 2013 में ममता बनर्जी सरकार द्वारा उन्हें प्रदान किया गया विशेष फिल्म पुरस्कार लौटाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने सूचना एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग के सचिव को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हमारे राज्य की वर्तमान स्थिति और हमारे एक सम्मानित विधायक कंचन मलिक द्वारा एक सितंबर को की गई संबंधित टिप्पणियों के मद्देनजर, मैं अपना प्रमाण पत्र और मुझे प्रदान किया गया पुरस्कार वापस करना चाहती हूं तथा सड़क पर खड़े होकर कानूनी और सामाजिक न्याय की अपनी मांग जारी रखना चाहती हूं।’’
तृणमूल विधायक मलिक ने राज्य पुरस्कार विजेताओं से कहा था कि अगर वे चिकित्सक से बलात्कार और हत्या की घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होते हैं तो उन्हें अपना सम्मान वापस कर देना चाहिए।
चक्रवर्ती ने पत्र में कहा, ‘‘अगर मुझे सही से याद है तो मुझे प्रमाण पत्र के साथ 25,000 रुपये की राशि भी दी गई है। कृपया मुझे वह माध्यम बताएं जिससे मैं राशि वापस कर सकूं। आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है।’’
प्रख्यात नाटककार एवं निर्देशक बंद्योपाध्याय ने एक बयान में कहा कि वह पश्चिमबंग नाट्य अकादमी द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में उन्हें दिया गया पुरस्कार और 30,000 रुपये की धनराशि लौटा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और ‘‘पक्षपाती’’ पुलिस बल नौ अगस्त को आर जी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या मामले में ‘‘तथ्यों को छिपाना’’ चाहते हैं।
बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ऐसे पुरस्कारों के पीछे मुख्य मानदंड किसी की प्रतिभा और योग्यता नहीं बल्कि चाटुकारिता, राज्य को बिना शर्त समर्थन है। फरवरी में इस सम्मान को स्वीकार करते समय मुझे इसका एहसास नहीं हुआ था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक इंसान के तौर पर शर्मिंदा और दुखी महसूस कर रहा हूं और आर जी कर घटना के बाद राज्य की शर्मनाक अति सक्रियता से आहत हूं।’’
बंद्योपाध्याय ने कहा कि आर जी कर घटना के बाद वह राज्य सरकार का कोई भी पुरस्कार नहीं रख सकते। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने अकादमी को (पुरस्कार लौटाने के अपने फैसले के बारे में) सूचित कर दिया है।’’
आर जी कर मुद्दे पर राज्य सरकार के रवैये पर अपनी नाराजगी जताते हुए अभिनेता चंदन सेन ने भी घोषणा की कि वह नाट्य अकादमी द्वारा स्थापित ‘दीनबंधु मित्र पुरस्कार’ लौटा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले ही सूचना एवं सांस्कृतिक मामलों के सचिव को ई-मेल भेजकर पुरस्कार राशि लौटाने की इच्छा व्यक्त कर दी है।’’
एक सप्ताह पहले, मालदा जिले के एक प्रसिद्ध रंगमंच समूह ‘समबेत प्रयास’ ने कहा था कि वह आर जी कर मुद्दे से निपटने के सरकार के तरीके के विरोध में 50,000 रुपये का राज्य अनुदान लौटा देगा।
‘समबेत प्रयास’ के प्रमुख सरदिंदू चक्रवर्ती ने कहा कि यह अनुदान मूल रूप से जिले में उनके समूह द्वारा आयोजित दो दिवसीय रंगमंच महोत्सव के लिए दिया गया था।
राज्य द्वारा संचालित पश्चिमबंग नाट्य अकादमी समूह नाट्य कला को सहयोग और बढ़ावा देने के लिए राज्य भर के नाट्य समूहों को 50,000 रुपये का अनुदान प्रदान करती है।
प्रख्यात रंगमंच हस्ती कौशिक सेन ने कहा, ‘‘इस भयावह घटना के प्रति प्रतिक्रिया और राज्य द्वारा इसके समाधान को व्यक्तियों या संगठनों द्वारा जिस भी तरह उचित समझा जाए, उसे किया जाना चाहिए।’’
इससे पहले, पश्चिम बंगाल में छह दुर्गा पूजा समितियों ने आर जी कर घटना के विरोध में राज्य सरकार की 85,000 रुपये की सहायता राशि लेने से इनकार कर दिया था।
भाषा धीरज