वेतन में देरी से हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी चिंतित, मुख्यमंत्री ने कहा - कोई वित्तीय संकट नहीं
आशीष सुभाष
- 03 Sep 2024, 11:11 PM
- Updated: 11:11 PM
शिमला, तीन सितंबर (भाषा) वेतन में देरी को लेकर हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों में चिंता के बीच, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को कहा कि राज्य में कोई वित्तीय संकट नहीं है और वित्तीय अनुशासन के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बैंक खातों में आम तौर पर हर महीने की पहली तारीख को वेतन और पेंशन की राशि आ जाती है। लेकिन, उन्हें तय तिथि के दो दिन बाद भी वेतन नहीं मिला है।
सचिवालय कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि वेतन और पेंशन के भुगतान में देरी चिंता का विषय है, क्योंकि वेतनभोगी कर्मचारियों को अपने खर्चों को पूरा करना होता है।
सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा, ‘‘अपने 30-35 साल के सेवाकाल में मैंने ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी। कर्मचारियों को पांच सितंबर को वेतन मिलने की संभावना है और पेंशनभोगियों को 10 सितंबर को पेंशन मिलेगी।’’
उन्होंने यह भी कहा कि पेंशनभोगी सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जिनके पास आय का यह एकमात्र स्रोत है, लेकिन चिकित्सा खर्च काफी अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘आमतौर पर कर्मचारियों और अधिकारियों के खातों से हर महीने की दूसरी या तीसरी तारीख को ऋण की किस्तें काट ली जाती हैं। खाते में राशि नहीं रहने पर बैंक जुर्माना वसूलते हैं।’’
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम सचिव (वित्त) को पत्र लिखकर अनुरोध कर रहे हैं कि वे संबंधित बैंकों से कर्मचारियों की किस्तें टालने और जुर्माना न वसूलने को कहें।’’
सचिवालय कर्मचारी संघ के महासचिव कमल कृष्ण शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों को अपने बिल और लोन की किस्तें चुकानी हैं और सोमवार को उनके एक कर्मचारी के खाते में ‘जीरो बैलेंस’ था और उसके पास सब्जियां खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे।
एक अन्य कर्मचारी रमेश शर्मा ने कहा, ‘‘हो सकता है कि (राज्य की) वित्तीय स्थिति ठीक नहीं हो, लेकिन हमें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है। कर्मचारियों की परेशानियां हर दिन बढ़ती जाएंगी।’’
पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोई वित्तीय संकट नहीं है और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
सुक्खू ने कहा, ‘‘हम राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संसाधन जुटाने को लेकर कदम उठा रहे हैं...हम वित्तीय कुप्रबंधन पर चर्चा करना चाहते हैं और राज्य के 75 लाख लोगों को बताना चाहते हैं कि कैसे ‘डबल इंजन’ सरकार (भाजपा) ने मुफ्त बिजली और पानी देकर और 600 से अधिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक संस्थान खोलकर राज्य के खजाने को लूटा।’’
विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को कहा था कि राज्य सरकार ने पिछले 20 महीनों के दौरान 24,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण जुटाया है, जबकि पिछली भाजपा नीत सरकार ने पांच साल के कार्यकाल के दौरान 19,600 करोड़ रुपये का ऋण जुटाया था।
भाषा आशीष