राहुल ने उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी को सराहा, भाजपा की 'अन्यायपूर्ण बुलडोजर नीति' की आलोचना की
नोमान सुभाष
- 02 Sep 2024, 10:49 PM
- Updated: 10:49 PM
नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोपियों के घरों को ध्वस्त किये जाने के विषय पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी की सराहना करते हुए सोमवार को कहा कि ‘‘मानवता और न्याय को बुलडोजर के नीचे कुचलने वाली भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा अब बेनकाब हो गया है।’’
कई राज्यों के प्रशासनों द्वारा आपराधिक मामलों में शामिल लोगों के घरों को बुलडोजर से ध्वस्त किए जाने पर शीर्ष अदालत ने सवाल किया कि किसी का घर केवल इसलिए कैसे तोड़ा जा सकता है कि वह आरोपी है।
अदालत ने कहा कि वह इस मुद्दे पर दिशानिर्देश तैयार करेगी जो पूरे देश में लागू होंगे।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि भाजपा की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण ‘बुलडोजर नीति’ पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी स्वागत योग्य है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “बुलडोजर के नीचे मानवता और इंसाफ को कुचलने वाली भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने बेनकाब हो चुका है।”
उन्होंने कहा कि बेलगाम सत्ता का प्रतीक बन चुके बुलडोजर ने नागरिक अधिकारों को कुचल कर कानून को निरंतर अहंकार भरी चुनौती दी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “त्वरित न्याय’ की आड़ में ‘भय का राज’ स्थापित करने की मंशा से चलाए जा रहे बुलडोजर के पहियों के नीचे अक्सर बहुजनों और गरीबों की ही घर-गृहस्थी आती है।”
उन्होंने कहा, “हम अपेक्षा करते हैं कि उच्चतम न्यायालय इस अति संवेदनशील विषय पर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर भाजपा सरकारों के इस लोकतंत्र विरोधी अभियान से नागरिकों की रक्षा करेगा।”
राहुल ने कहा, “देश बाबा साहब के संविधान से चलेगा, सत्ता की चाबुक से नहीं।”
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, "किसी का मकान सिर्फ इसलिए कैसे गिराया जा सकता है कि वह एक आरोपी है? भले ही वह दोषी हो, फिर भी कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता।”
भाषा नोमान