अपराध और बढ़ते कर्ज का मुद्दा छाया रह सकता है पंजाब विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र में
रंजन रंजन नरेश
- 01 Sep 2024, 05:49 PM
- Updated: 05:49 PM
चंडीगढ़, एक सितंबर (भाषा) पंजाब विधानसभा के सोमवार से शुरू होने वाले तीन दिवसीय सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि कानून-व्यवस्था और बढ़ते कर्ज के मुद्दे पर विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार से जवाबदेही की मांग करेंगे।
विधानसभा का सत्र सोमवार से शुरू होगा और चार सितंबर को समाप्त होगा। कांग्रेस नेता और विधायक अरुणा चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाएगी।
दीनानगर विधायक ने आरोप लगाया, ‘‘बिगड़ती कानून-व्यवस्था सबसे बड़े मुद्दों में से एक है। राज्य में हर रोज झपटमारी, चोरी और जबरन वसूली की घटनाएं हो रही हैं।’’
चौधरी ने सरकार पर हर महिला को 1,000 रुपये प्रति माह देने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आप सरकार ने पंजाब में महिलाओं को धोखा दिया है।’’
कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह कोटली ने कहा, ‘‘आप सरकार ने राज्य में 18 कॉलेज स्थापित करने का वादा किया था। आप सरकार के ढाई साल बीत चुके हैं, लेकिन वो एक कॉलेज बनाने के लिये भी जमीन नहीं खरीद सकी है।’’
भारतीय जनता पार्टी के विधायक जंगी लाल महाजन ने कहा कि वह प्रदेश में कथित तौर पर अवैध रूप से जारी रेत खनन का मुद्दा उठायेंगे ।
कोटली ने कहा कि विधानसभा सत्र की अवधि को बढ़ाया जाना चाहिये क्योंकि तीन दिन का समय बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी जब सत्ता में नहीं थी तो वह लंबे सत्र की मांग करती थी ताकि लोगों के मुद्दों पर सदन में चर्चा की जा सके ।
कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि वह केवल तीन दिन का सत्र आयोजित कर विधानसभा के महत्व को नष्ट कर रही है।
खैरा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘सरकार ने लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ विधानसभा के महत्व को नष्ट कर दिया है, इसकी बैठकों को लगभग नगण्य कर दिया है, जिससे किसी भी सार्थक बहस के लिए कोई गुंजाइश नहीं बची है।’’
भाषा रंजन रंजन