असम सरकार ने व्यापक यूसीसी को लागू करने के बारे में कोई फैसला नहीं किया: हिमंत
देवेंद्र माधव
- 28 Aug 2024, 09:00 PM
- Updated: 09:00 PM
गुवाहाटी, 28 अगस्त (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक एक व्यापक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के बारे में फैसला नहीं किया है, क्योंकि इसका ध्यान किसी विशेष धर्म को लक्षित करने पर नहीं बल्कि बाल विवाह की समस्या से निपटने और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने पर है।
शर्मा की यह टिप्पणी उनके पहले के रुख के विपरीत है, जब उन्होंने संकेत दिया था कि असम उत्तराखंड और गुजरात का अनुसरण करते हुए यूसीसी विधेयक पेश करेगा, जिसमें आदिवासी समुदायों को छूट दी जायेगी।
यूसीसी का तात्पर्य है कि समाज के सभी वर्गों के साथ, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, राष्ट्रीय नागरिक संहिता के अनुसार समान व्यवहार किया जाएगा, जो सभी पर समान रूप से लागू होगा तथा इसमें विवाह, तलाक, भरण-पोषण, उत्तराधिकार, गोद लेने और संपत्ति के उत्तराधिकार जैसे क्षेत्र शामिल होंगे।
शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘असम सरकार ने व्यापक समान नागरिक संहिता लागू करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। हमारा ध्यान बाल विवाह रोकने और महिला सशक्तीकरण सुनिश्चित करने पर है।’’
उन्होंने कहा कि हाल में पेश किया गया ‘असम मुस्लिम निकाह एवं तलाक पंजीकरण विधेयक, 2024’ इन उद्देश्यों की दिशा में एक कदम है।
शर्मा ने कहा, ‘‘इस विधेयक में सभी विवाहों के अनिवार्य पंजीकरण का प्रावधान है और पंजीकरण ‘काजी’ के बजाय उप-पंजीयक द्वारा किया जायेगा। यह बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ हमारे प्रयास का हिस्सा है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार उत्तराखंड की यूसीसी पर न्यायिक टिप्पणियों की प्रतीक्षा कर रही है और घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा दृष्टिकोण अलग है। हम किसी धर्म को निशाना नहीं बना रहे हैं।’’
शर्मा ने कहा कि सरकार बहुविवाह से निपटने के लिए एक विधेयक लाने की योजना बना रही है, जिसका उद्देश्य अंतर-धार्मिक विवाहों को नियंत्रित करना है।
उन्होंने कहा कि इन विधेयकों के अलावा सरकार अपने चुनाव घोषणापत्र से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी काम कर रही है, जैसे कि ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करना, अपने समुदाय से बाहर भूमि हस्तांतरण पर रोक लगाना आदि।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इसके अलावा, हम जनसांख्यिकी में सर्किल-स्तर या मतदान केंद्र-स्तर पर बदलाव पर एक श्वेत पत्र ला रहे हैं। इससे पता चलेगा कि कैसे हिंदू बहुसंख्यक इलाकों में मुस्लिम आबादी बढ़ रही है और सांप्रदायिक सद्भाव कायम है। लेकिन दूसरी तरफ, जहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं, वहां स्थिति इससे विपरीत है।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार के प्रयास सकारात्मक और गैर-पक्षपातपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘श्वेत पत्र से रोचक तथ्य सामने आएंगे। यह कोई राजनीतिक हथकंडा नहीं है। हम कांग्रेस से इस प्रयास का समर्थन करने का अनुरोध करते हैं। हमारा उद्देश्य यह है कि लोग अपने समुदायों में शांतिपूर्वक तरीके से रहें।’’
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