ओडिशा:राज्यसभा उपचुनाव में जगन्नाथ ने नामांकन वापस लिया, मोहंता के निर्वाचित होने का रास्ता साफ
आशीष संतोष
- 27 Aug 2024, 05:02 PM
- Updated: 05:02 PM
भुवनेश्वर, 27 अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता जगन्नाथ प्रधान ने मंगलवार को राज्यसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन वापस ले लिया, जिससे पार्टी की आधिकारिक उम्मीदवार ममता मोहंता के संसद के ऊपरी सदन में दोबारा निर्वाचित होने का रास्ता साफ हो गया।
मोहंता द्वारा 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करने के कुछ घंटों बाद प्रधान ने अपना नामांकन दाखिल किया था। एक अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान प्रधान और मोहंता दोनों के कागजात वैध पाए गए।
प्रधान ने कहा, ‘‘मैंने पार्टी के निर्देश पर नामांकन पत्र दाखिल किया था। अपनी पार्टी के निर्देश पर ही मैंने आज अपना नामांकन वापस ले लिया। भाजपा नेतृत्व ने मुझे यह कार्य सौंपा था और मैंने पार्टी के एक अनुशासित सदस्य के रूप में इसे पूरा किया।’’
भाजपा के प्रदेश प्रभारी विजय पाल सिंह तोमर ने कहा था कि प्रधान ने ‘‘डमी उम्मीदवार’’ के तौर पर नामांकन दाखिल किया था। राजनीतिक दल ‘डमी उम्मीदवार’ को इसलिए उतारते हैं ताकि आधिकारिक उम्मीदवार का नामांकन खारिज होने की स्थिति में उन्हें मुकाबले में उतारा जाए।
प्रधान ने भुवनेश्वर-मध्य से भाजपा उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें बीजू जनता दल (बीजद) के अनंत नारायण जेना से हार का सामना करना पड़ा था।
मयूरभंज जिले से कुडुमी समुदाय की नेता मोहंता ने जुलाई में बीजद छोड़ दी थी और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसी कारण से राज्यसभा का उपचुनाव कराना पड़ा है। मोहंता भाजपा में शामिल हो गईं, जिसने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया।
किसी अन्य उम्मीदवार के मैदान में नहीं होने के कारण मोहंता का फिर से चुना जाना तय है। राज्य की 147 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 74 विधायक हैं और उसे तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है।
बीजद और कांग्रेस के क्रमशः 51 और 14 विधायक हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का एक सदस्य है।
ओडिशा से राज्यसभा की 10 सीट हैं, जिनमें से आठ बीजद के पास हैं जबकि एक भाजपा के पास है। मोहंता के इस्तीफे के बाद एक सीट रिक्त हो गई।
ओडिशा की एक सीट सहित राज्यसभा की 12 रिक्त सीट के लिए मतदान तीन सितंबर को होना है।
भाषा आशीष