संघर्षों से जूझ रही दुनिया में शांति के लिए लोगों को संगीत की जरूरत है: ज़ुबिन मेहता
सिम्मी शोभना
- 24 Aug 2024, 03:39 PM
- Updated: 03:39 PM
(मनीष सैन)
(तस्वीरों के साथ जारी)
मुंबई, 24 अगस्त (भाषा) अमेरिका में रह रहे प्रसिद्ध भारतीय ‘संगीत संयोजक (कंडक्टर)’ जुबिन मेहता ने कहा है कि कला और संगीत में लोगों को साथ लाने की क्षमता है और संघर्षों के दौरान लोगों को इसकी जरूरत होती है।
फ्लोरेंस और तेल अवीव के मानद नागरिक और ‘इजराइल फिलहारमोनिक ऑर्केस्ट्रा’ के आजीवन संगीत निर्देशक जुबिन मेहता सही मायनों में एक वैश्विक नागरिक हैं और वह अपने संगीत को वेस्ट बैंक एवं गाजा तक ले जाने की इच्छा रखते हैं।
मेहता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार के दौरान कहा कि आखिकार, ‘‘लोगों को संगीत की जरूरत होती है।’’
दुनियाभर के कई देशों में जारी संघर्षों के बीच मेहता ने जनवरी 1982 में दक्षिण लेबनान में तंबाकू के एक खेत में ‘इजराइल फिलहारमोनिक ऑर्केस्ट्रा’ का संगीत संयोजन करने की यादों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘वह शांति का समय था। हमने दक्षिण लेबनान में अरब लोगों के लिए प्रस्तुति दी और उन्होंने मंच पर आकर संगीतकारों को गले लगा लिया। इसके बाद फिर इजराइल ने लेबनान पर हमला करने की गलती की और उनके रिश्ते टूट गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कला और संगीत की शक्ति को कम मत समझिए। संगीत लोगों को एक साथ लाता है।’’
मेहता (88) दो महीने पहले इजराइली शहर तेल अवीव में थे जहां उन्होंने 14 संगीत कार्यक्रम किए।
उन्होंने कहा, ‘‘भगवान का शुक्र है कि इसका (युद्ध का) संगीतकारों या जनता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। मैं दो महीने पहले वहां था और मेरे 14 संगीत कार्यक्रम थे, सभी पूरी तरह सफल रहे। लोगों को संगीत की जरूरत है। उन्होंने सभी प्रकार के संगीत, हमारे शास्त्रीय संगीत की भी जरूरत है।’’
मेहता अगले साल मार्च में भी इजराइल में प्रस्तुति देंगे।
उन्होंने कहा कि वह वेस्ट बैंक और गाजा में भी संगीत कार्यक्रम करना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे भी यही उम्मीद है। संगीतकार वहां प्रस्तुति देना पसंद करेंगे।’’
मेहता जोहान स्ट्रॉस शरद ऋतु 2024 में ‘एनसीपीए’ के ‘सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा ऑफ इंडिया’ (एसओआई) का संचालन करने के लिए मुंबई में हैं। उन्होंने 2013 में उस समय विवाद खड़ा कर दिया था जब वह बवेरियन स्टेट ऑर्केस्ट्रा को कश्मीर के 17वीं सदी के शालीमार गार्डन में लेकर गए थे और उन्होंने प्रस्तुति दी थी।
इस संगीत कार्यक्रम का कश्मीरी अलगाववादियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था और इसके खिलाफ श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया था।
मेहता ने अपने करियर में कई ऑर्केस्ट्रा का संचालन किया है, जिनमें मॉन्ट्रियल सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा, लॉस एंजिल्स फिलहारमोनिक, वियना और बर्लिन शामिल हैं।
भारत का पासपोर्ट रखने वाले गुजराती भाषी मेहता ने कहा, ‘‘मैं अपनी भाषा नहीं बदलता। मैं अपना पासपोर्ट नहीं बदलता... मैंने इसके बारे में कभी नहीं सोचा। कभी-कभी यह कठिन होता है।’’
भाषा सिम्मी