फर्जी एनसीसी शिविर मामले में छात्रा के यौन उत्पीड़न के मुख्य संदिग्ध ने की आत्महत्या
प्रशांत अविनाश
- 23 Aug 2024, 06:53 PM
- Updated: 06:53 PM
कृष्णागिरि (तमिलनाडु), 23 अगस्त (भाषा) कृष्णागिरी जिले के बरगुर स्थित फर्जी ‘नेशनल कैडेट कोर’ (एनसीसी) शिविर में एक स्कूल छात्रा का यौन उत्पीड़न करने के मामले के मुख्य संदिग्ध ने शुक्रवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी।
उसने बताया कि शिवरमण ने 19 अगस्त को गिरफ्तारी से पहले कथित तौर पर चूहा मारने वाली दवा खा ली थी।
पुलिस से बचने के लिए उसने भागने की कोशिश की थी जिससे उसके पैर की हड्डी टूट गई थी। इसके बाद उसे कृष्णागिरी के राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि बाद में हालत बिगड़ने पर उसे सलेम के राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शिवरमण के पिता अशोक कुमार की बृहस्पतिवार को एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। हादसे के वक्त वह नशे की हालत में दोपहिया वाहन चला रहे थे।
छात्रा का यौन उत्पीड़न मामले में बरगुर ऑल वुमन पुलिस ने शिवरमण और स्कूल के अधिकारियों समेत कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों ने कथित तौर पर एक फर्जी एनसीसी शिविर का आयोजन कर आठवीं कक्षा की एक छात्रा सहित कई लड़कियों का यौन शोषण किया था।
इस फर्जी एनसीसी शिविर में 17 लड़कियों सहित करीब 41 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था। लड़की के अपने अभिभावकों को घटना की जानकारी देने के बाद मामला सामने आया था और उन्होंने पुलिस में शिकायत दी थी।
विपक्षी दलों अन्नाद्रमुक और भाजपा ने शिवरमण के पिता की कथित तौर पर सड़क दुर्घटना में मौत के बाद उसके आत्महत्या करने पर संदेह जताया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या फर्जी एनसीसी शिविर में लड़कियों के यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार में शामिल असली अपराधी को बचाने का कोई प्रयास किया जा रहा है।
मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए अन्नाद्रमुक महासचिव ई.के. पलानीसामी ने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा मामले की जांच शुरू करने से पहले शिवरमण की मौत और बृहस्पतिवार रात अशोक कुमार की मौत का समय संदेह पैदा करता है।
पलानीसामी ने यहां एक बयान में कहा, “जनता हैरान है कि क्या शिवरमण की हत्या इस डर से की गई है कि वह आपराधिक गतिविधि में शामिल असली अपराधियों के नाम उजागर कर सकता था और पुलिस असली अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रही है।”
उन्होंने मांग की कि एसआईटी गहन जांच करे और फर्जी एनसीसी शिविरों में यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार में शामिल लोगों को बेनकाब करे। साथ ही, उन्होंने यह भी जानना चाहा कि अब तक ऐसे कितने शिविर आयोजित किए गए और क्या उन स्कूलों पर कोई कार्रवाई की गई है जिन्होंने अपने बच्चों को ऐसे फर्जी शिविरों में भाग लेने की अनुमति दी।
ऐसी ही राय व्यक्त करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “दोनों मौत संदिग्ध हैं... इस बात को लेकर गहरा संदेह है कि क्या मामले में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया गया है या फिर किसी को बचाने के लिए दोनों मौतें हुईं।”
उन्होंने एसआईटी से विस्तृत जांच करने और सच्चाई सामने लाने का आग्रह किया।
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