बच्चियों का यौन उत्पीड़न : प्रदर्शनकारियों ने स्कूल भवन पर धावा बोला, रेल पटरियों को अवरुद्ध किया
सुभाष रंजन
- 20 Aug 2024, 09:17 PM
- Updated: 09:17 PM
मुंबई, 20 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिला स्थित एक स्कूल के शौचालय में चार वर्षीय दो बच्चियों से सफाईकर्मी द्वारा कथित यौन उत्पीड़न किये जाने के बाद, हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को बदलापुर रेलवे स्टेशन की पटरियों को अवरुद्ध कर दिया और विद्यालय परिसर में धावा बोल दिया।
पुलिस ने रेल पटरियों पर मौजूद प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्च किया, जो पुलिसकर्मियों पर पथराव कर रहे थे। आक्रोशित अभिभावकों सहित सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बच्चियों के यौन उत्पीड़न के खिलाफ अपनी नाराजगी जताने के लिए स्कूल भवन में तोड़फोड़ की।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की वरिष्ठ अधिकारी आरती सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले की त्वरित अदालत में सुनवाई होगी और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
बदलापुर स्टेशन पर, उग्र प्रदर्शनकारियों को पुलिस अधिकारियों के खिलाफ ‘‘हाय-हाय’’ के नारे लगाते और यौन उत्पीड़न में कथित तौर पर संलिप्त सफाईकर्मी को फांसी देने की मांग करते देखा गया।
महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा है कि स्कूलों में ‘विशाखा समितियां’ गठित की जाएंगी। यदि स्कूल परिसरों के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे चालू हालत में नहीं पाये गए तो उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि समितियां छात्राओं द्वारा शिकायतें दर्ज करने के लिए एक मंच मुहैया करायेगी, विशेष रूप से नौवीं, 10वीं और जूनियर कॉलेज की छात्राओं के लिए।
केसरकर ने कहा कि बदलापुर स्कूल को एक नोटिस जारी किया गया है और इसके प्राचार्य, कुछ शिक्षकों तथा दो सहायकों को निलंबित कर दिया गया है।
ठाणे जिले के बदलापुर रेलवे स्टेशन पर दिनभर विरोध प्रदर्शन जारी रहा, क्योंकि कई महिलाओं सहित भीड़ ने ट्रेनों को गुजरने देने के अधिकारियों के अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया था।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने शाम करीब छह बजे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। इससे कुछ घंटे पहले प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशन पर पथराव किया था। प्रदर्शन के कारण स्थानीय ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ और लंबी दूरी की कुछ ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन करना पड़ा।
राज्य के मंत्री गिरीश महाजन ने दोपहर में प्रदर्शनकारियों को समझाने-बुझाने की कोशिश की, जो पीड़ितों के लिए न्याय और गिरफ्तार आरोपी को मृत्युदंड देने की मांग कर रहे थे।
ठाणे जिले की मुरबाड विधानसभा सीट से भाजपा विधायक किसन कथोरे ने आरोप लगाया कि बदलापुर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी आस-पड़ोस के इलाकों से आये थे, बदलापुर से नहीं।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने दो बच्चियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न को लेकर 17 अगस्त को एक अटेंडेंट को गिरफ्तार किया था। पुलिस में दी गई शिकायत के अनुसार, उसने स्कूल के शौचालय में छात्रों का यौन उत्पीड़न किया था।
स्कूल प्रबंधन ने घटना को लेकर प्राचार्य, एक क्लास टीचर, एक महिला अटेंडेंट को निलंबित कर दिया है। वहीं, राज्य सरकार ने मंगलवार को एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सहित तीन पुलिस अधिकारियों को छात्राओं के यौन उत्पीड़न की जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित करने का आदेश दिया है।
गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे फडणवीस ने कहा, ‘‘बदलापुर पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, सहायक उप-निरीक्षक और हेड कांस्टेबल को कर्तव्य में लापरवाही बरतने को लेकर तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया गया है।’’
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि पीड़ित बच्चियों के माता-पिता को बदलापुर पुलिस थाने में 11 घंटे तक इंतजार करना पड़ा, उसके बाद अधिकारियों ने उनकी शिकायत पर गौर किया।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मामले में फास्ट ट्रैक अदालत में मुकदमा चलाने और शीघ्र न्याय देने की मांग की।
ठाकरे ने पत्रकारों से कहा कि एक तरफ ‘महायुति’ सरकार महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना चला रही है, लेकिन बहनों की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।
कोलकाता में एक डॉक्टर से बलात्कार व उसकी हत्या की घटना का स्पष्ट संदर्भ देते हुए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने कहा कि कुछ राज्यों को निशाना बनाकर महिलाओं के खिलाफ अपराध पर राजनीति की जा रही है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया है कि स्कूल में हुई घटना के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपी पर दुष्कर्म के प्रयास के आरोप के तहत मामला दर्ज किया जाए।
उन्होंने कहा कि मामले के लिए एक विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ठाणे के पुलिस आयुक्त से बात की है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मैंने मामले को तेजी से आगे बढ़ाने और आरोपी पर दुष्कर्म के प्रयास के आरोप और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने को कहा है।’’
स्कूल प्रबंधन ने इस घटना के लिए माफी मांगी है और कहा है कि जिस फर्म को ‘साफ-सफाई’ का ठेका दिया गया था, उसे ‘ब्लैक लिस्ट’ कर दिया गया है। स्कूल प्रशासन ने कहा कि घटना के मद्देनजर स्कूल परिसर में सतर्कता बढ़ा दी जाएगी।
यौन उत्पीड़न की घटना को लेकर प्रदर्शन के कारण मुंबई महानगर क्षेत्र में मध्य रेलवे खंड पर कई घंटों तक स्थानीय रेल यातायात प्रभावित रहा।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शाम छह बजे के बाद बदलापुर स्टेशन की पटरियों को प्रदर्शनकारियों से खाली कराया गया।
विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर रेलवे स्टेशन और स्कूल परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस और आरपीएफ कर्मियों को तैनात किया गया था, जहां दिन में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की थी।
पुलिस ने बताया कि महिलाओं समेत कुछ प्रदर्शनकारियों ने स्कूल के गेट, खिड़कियों के शीशे, बेंच और दरवाजे तोड़कर स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी पर सवाल उठाया है।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि मामले की जांच के लिए एक टीम भेजी जाएगी।
कानूनगो ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से जांच की निगरानी करूंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि लापरवाही बरतने वाले सभी पुलिस अधिकारियों को दंडित किया जाए।’’
इस बीच, जोन-4 के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सुधाकर पठारे ने संवाददाताओं को बताया कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है, जिसे ‘‘प्राथमिकी दर्ज होने के साढ़े तीन घंटे के भीतर’’ पकड़ लिया गया।
उन्होंने कहा कि दो महिलाओं सहित तीन पुलिस अधिकारी व्यापक जांच सुनिश्चित करने के लिए सभी साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं।
पठारे ने एक बयान में बदलापुर के निवासियों से सड़कों पर उतरने या विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से बचने का आग्रह किया, क्योंकि ऐसी हरकतें जांच प्रक्रिया में बाधा डाल सकती हैं।
डीसीपी ने प्राथमिकी दर्ज करने में 12 घंटे की देरी के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने दावा किया कि इतनी कम आयु की पीड़ितों से जानकारी एकत्र करने में जटिलता के कारण मामला दर्ज करने में समय लगा।
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