शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन ने इमरान खान की पार्टी के साथ किसी भी तरह की बातचीत से इनकार किया
आशीष सुरेश
- 17 Aug 2024, 10:43 PM
- Updated: 10:43 PM
इस्लामाबाद, 17 अगस्त (भाषा) शरीफ परिवार की सत्तारूढ़ पीएमएल-एन ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली मुख्य विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के साथ किसी भी तरह की बातचीत से इनकार करते हुए कहा कि जेल में बंद खान को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
‘डॉन’ न्यूज चैनल ने सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सांसद इरफान सिद्दीकी से खान की पार्टी के बारे में पूछा।
सिद्दीकी ने शुक्रवार रात को प्रसारित साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमने बार-बार कहा ‘ठीक है, आप सदन (संसद) में प्रवेश कर चुके हैं- भले ही आप किसी भी तरह से आए हों- तो कम से कम उस स्तर पर एक साथ बैठें और अपने मामलों को सुलझाने की कोशिश करें’...(लेकिन) वह बात नहीं करना चाहते हैं। हमने भी सोचा है कि अब हम उन्हें बार-बार बुलाएंगे नहीं कि आओ, हमसे बात करो।’’
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पीएमएल-एन और उसके गठबंधन सहयोगी खान की पार्टी के साथ बातचीत के लिए ‘‘दरवाजा खोलने या न खोलने पर विचार करेंगे’’ बशर्ते पार्टी ‘‘गंभीरता से संपर्क करती है।’’
पाकिस्तान सरकार ने पिछले महीने खान की पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। खान (71) अपने खिलाफ कई मामलों के संबंध में पिछले एक साल से अदियाला जेल में बंद हैं।
चुनाव चिह्न ले लिये जाने के कारण खान की पार्टी समर्थित उम्मीदवारों ने फरवरी के आम चुनावों में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने के बावजूद सबसे अधिक सीट जीतीं। खान ने आरोप लगाया था कि पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सहित उसके गठबंधन सहयोगियों ने संघीय स्तर पर सत्ता हथियाने के लिए ‘‘जनादेश चुरा लिया।’’
सिद्दीकी ने यह भी कहा कि बातचीत इस बात पर निर्भर करती है कि खान की पार्टी को कब यह एहसास होगा कि ‘‘हमें सेना से नहीं बल्कि नेताओं से बातचीत करनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि शायद पख्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी) के प्रमुख और विपक्षी गठबंधन के नेता महमूद खान अचकजई ‘‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को यह समझाने में सफल होंगे’’ कि राजनीतिक दलों के बीच बातचीत की जरूरत है।
सिद्दीकी ने पिछले साल इमरान की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मुद्दा यह है कि एक पार्टी आपसे बातचीत नहीं करना चाहती है और यह वही पार्टी है जो नौ मई की घटनाओं के पीछे स्पष्ट रूप से शामिल थी।’’
पिछले साल जवाबदेही मामले में खान की गिरफ्तारी के बाद, उनके सैकड़ों-हजारों समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने नौ मई को जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी भीड़ ने हमला किया था।
इस महीने की शुरुआत में, खान की पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद अली मुहम्मद खान ने संकेत दिया था कि उनकी पार्टी सरकार और विपक्ष के बीच तनाव को हल करने के लिए पीएमएल-एन, पीपीपी और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है, बशर्ते पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की मांगें मान ली जाएं।
भाषा आशीष