हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी ने विभाजन के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की
अमित माधव
- 14 Aug 2024, 10:30 PM
- Updated: 10:30 PM
चंडीगढ़, 14 अगस्त (भाषा) हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को कहा कि देश के विभाजन की विभिषिका झेलने वालों ने जो पीड़ा झेली, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
सैनी ने कहा कि उनकी पीड़ा को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2021 को लालकिले से घोषणा की थी कि विभाजन के दौरान बलिदान देने वालों को सम्मान देने के लिए 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाएगा।
सैनी ने कहा कि इसी के अनुरूप हरियाणा सरकार ने कुरुक्षेत्र से 'संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रचार प्रसार योजना' के तहत इस दिन को राज्य स्तरीय समारोह के रूप में मनाना शुरू किया है।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार सैनी कुरुक्षेत्र जिले में पंचानंद मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
सैनी ने भारत के विभाजन के बाद हुए रक्तपात में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं दुनिया में कहीं भी कभी न घटें।
उन्होंने कहा कि विभाजन का दर्द कभी भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 अगस्त भारत के विभाजन के लिए एक दुखद दिन है। उन्होंने कहा, "माताओं और बहनों के साथ अत्याचार किए गए। आज भी उस दृश्य को याद करके मानवता कांप उठती है।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "आज के कार्यक्रम के दौरान विभाजन की त्रासदी पर एक लघु फिल्म देखकर हमें बहुत पीड़ा होती है, इसलिए हम केवल कल्पना कर सकते हैं कि उन लोगों ने क्या अनुभव किया होगा जिन्होंने इस त्रासदी को झेला।"
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री द्वारा इस दिन को मनाने की घोषणा का उद्देश्य भारतीयों को इतिहास से सीख लेना और सुनहरे भविष्य के लिए राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिबद्ध करना है। हरियाणा की धरती ने विभाजन का दर्द अन्य राज्यों की तुलना में अधिक झेला है। यहां से कई परिवार पाकिस्तान चले गए और उस समय पश्चिमी पंजाब से विस्थापित परिवारों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाजन की यादों को संजोने तथा नई पीढ़ी को आपसी प्रेम व सद्भाव की शिक्षा देने के लिए कुरुक्षेत्र के मसाना गांव में विश्व स्तरीय शहीदी स्मारक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस स्मारक पर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
पंचानंद मेमोरियल ट्रस्ट ने इसके लिए 25 एकड़ जमीन दान की है। इसी तरह झज्जर में भी एक स्मारक चौक भी बनाया गया है।
भाषा अमित