हिमाचल प्रदेश : बादल फटने से 45 लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव अभियान फिर शुरू
रंजन
- 03 Aug 2024, 09:53 PM
- Updated: 09:53 PM
शिमला, तीन अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के राजबन गांव में शनिवार को बचाव दल के लोगों ने एक चट्टान के नीचे एक व्यक्ति को फंसा हुआ देखा, जिसके बाद वे विस्फोट कर इसे तोड़ने और पीड़ित को वहां से निकालने का प्रयास कर रहे हैं । इस मामले में पांच लोग अब भी लापता हैं। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।
हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों (शिमला, कुल्लू और मंडी) में बादल फटने के बाद लापता हुए करीब 45 लोगों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान शनिवार को फिर से शुरू हो गया लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राज्य आपदा मोचन बल(एसडीआरएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), पुलिस और होमगार्ड की टीम के कुल 410 बचावकर्मी ड्रोन की मदद से खोज अभियान में शामिल हैं।
बुधवार रात कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपखंड में बादल फटने से आई बाढ़ में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है।
एनडीआरएफ के कमांडिंग ऑफिसर करम सिंह ने कहा, "संयुक्त बचाव अभियान चल रहा है और लापता लोगों की तलाश के प्रयास जारी हैं। हम मलबे में दबे या फंसे हुए लोगों का पता लगाने के लिए विभिन्न उपकरणों और सेंसर का उपयोग कर रहे हैं।"
करम की टीम अन्य लोगों के साथ शिमला और कुल्लू जिले की सीमा पर स्थित समेज गांव में लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई है।
सरपारा गांव के प्रधान मोहन लाल कपटिया ने कहा, "हर गुजरते घंटे के साथ लोगों का जीवित बचाने की संभावना कम होती जा रही है, लेकिन हम बस यही उम्मीद करते हैं कि शव जल्द ही बरामद कर लिए जाएं, क्योंकि देर होने पर शव सड़ जाएंगे, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो जाएगा।"
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने शनिवार को कुल्लू जिले के सैंज क्षेत्र का दौरा किया और प्रभावित परिवारों से बातचीत की।
उन्होंने कहा कि कुछ पीड़ित अभी भी राहत राशि का इंतजार कर रहे हैं और उन्होंने प्रशासन से शीघ्र सहायता उपलब्ध कराने को कहा।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शुक्रवार को बताया कि कुल्लू में श्रीखंड महादेव के आसपास फंसे करीब 300 लोग सुरक्षित हैं और मलाणा में करीब 25 पर्यटकों की भी स्थानीय लोग अच्छी तरह देखभाल कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को रामपुर के समेज गांव का दौरा किया था, जहां 30 से अधिक लोग लापता हैं।
सुक्खू ने पीड़ितों के लिए 50,000 रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की थी और कहा था कि उन्हें अगले तीन महीनों के लिए किराए के लिए 5,000 रुपये मासिक दिए जाएंगे, साथ ही गैस, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं भी दी जाएंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि इस आपदा में 115 घर, 23 गौशालाएं, 10 दुकानें और तीन मछली फार्म नष्ट हो गए हैं।
भाषा शुभम