केरल में बीएलओ ने आत्महत्या की; परिवार ने एसआईआर से संबंधित काम के तनाव को जिम्मेदार ठहराया गया
पवनेश
- 16 Nov 2025, 04:12 PM
- Updated: 04:12 PM
कन्नूर, 16 नवंबर (भाषा) आगामी स्थानीय चुनाव के मद्देनजर बूथ लेवल आफिसर के रूप में कार्यरत एक स्कूल कर्मचारी का शव रविवार को उसके कन्नूर जिले में स्थित घर में फंदे से लटका मिला। पुलिस ने यह जानकारी दी।
स्थानीय लोगों और उनके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि मृतक अनीश जॉर्ज ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से जुड़े काम के दबाव में यह आत्मघाती कदम उठाया।
जॉर्ज पय्यान्नूर के एक सरकारी स्कूल में चपरासी के पद पर कार्यरत था। पुलिस ने बताया कि जॉर्ज पय्यान्नूर स्थित अपने घर की पहली मंजिल के कक्ष में फंदे से लटके मिले।
प्राथमिकी के अनुसार, कहा जा रहा है कि वह व्यक्ति बीएलओ के कार्य दायित्व को लेकर कुछ समय से दबाव में था।
परिवार के एक करीबी व्यक्ति श्याम ने बताया कि जॉर्ज ने एसआईआर से संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए काम के भारी बोझ और इससे जुड़े तनाव की शिकायत की थी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "उनके परिवार ने बताया कि अनीश जॉर्ज रविवार को सुबह दो बजे तक काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन पर एसआईआर से संबंधित फॉर्म भरने और निर्धारित क्षेत्र में सभी के बीच वितरित करने का बहुत दबाव था।"
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब सत्तारूढ़ माकपा और विपक्षी कांग्रेस सहित प्रमुख राजनीतिक दल राज्य में एसआईआर के कार्यान्वयन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
माकपा नेता एम वी जयराजन ने कहा कि वह एसआईआर के संबंध में बीएलओ द्वारा अनुभव किए जाने वाले काम के दबाव को रेखांकित करते रहे हैं। वहीं, कांग्रेस नेता रिजिल मक्कुट्टी ने कहा कि अनीश जॉर्ज भाजपा के एजेंडे को पूरा करने के लिए स्थानीय निकाय चुनावों से पहले इसे लागू करने के निर्वाचन आयोग के प्रयास का शिकार हुए हैं।
जयराजन ने कहा, "अत्यधिक काम के दबाव के कारण, उन्हें लगा होगा कि उनके पास अपनी जान लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उनकी मृत्यु अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण थी।"
उन्होंने निर्वाचन आयोग से राज्य में एसआईआर के कार्यान्वयन को एलएसजीडी चुनाव समाप्त होने तक रोकने का भी आग्रह किया।
इस बीच, केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रतन यू केलकर ने कहा कि कन्नूर जिला कलेक्टर से मौत पर रिपोर्ट मांगी गई है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "पुलिस जांच भी चल रही है। रिपोर्ट मिलने के बाद बाकी चीजें तय की जा सकेंगी। बीएलओ सामूहिक रूप से काम कर रहे हैं और हमें अभी तक उनके काम के दबाव के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बीएलओ को 31 दिनों तक एसआईआर से संबंधित कार्य के अलावा कोई अन्य कार्य करने की आवश्यकता नहीं है और सामान्यतः उन पर काम का कोई दबाव नहीं होता।
अधिकारी ने यह भी कहा कि पुलिस जांच और जिला कलेक्टर की रिपोर्ट से घटना का पूरा विवरण सामने आएगा।
भाषा तान्या