राष्ट्रीय रोग निगरानी में एआई उपकरण की बदौलत 5,000 से अधिक अलर्ट जारी करने में मदद मिली: डेटा
आशीष सिम्मी
- 16 Nov 2025, 03:52 PM
- Updated: 03:52 PM
(कृष्णा)
नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा 2022 में तैनात किए गए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उपकरण ने स्थापना के बाद से स्वास्थ्य अधिकारियों को संक्रामक प्रकोपों के 5,000 से अधिक अलर्ट तुरंत जारी करने में मदद की है। एक अध्ययन से यह जानकारी मिली।
नयी दिल्ली स्थित स्वास्थ्य सेवा एआई समाधान प्रदाता वाधवानी एआई द्वारा विकसित 'हेल्थ सेंटिनल' उपकरण से मैनुअल कार्यभार में 98 प्रतिशत की कमी लाने में संभवत: मदद मिली जिससे प्रकोप का जल्द पता लगाने और सक्रिय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने में मदद मिली। यह अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुआ है और विशेषज्ञों द्वारा इसकी समीक्षा अब तक नहीं की गई है।
लगभग 200 देश अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों (आईएचआर) के तहत राष्ट्रीय रोग निगरानी प्रणाली संचालित करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य हैं। आईएचआर और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) वैश्विक स्वास्थ्य की दिशा में मिलकर काम करते हैं।
प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया में समाचार रिपोर्ट को भारत के 'एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम' (आईडीएसपी) के तहत मीडिया स्कैनिंग और सत्यापन उपकरण द्वारा असामान्य स्वास्थ्य घटनाओं का पता लगाने के लिए स्कैन किया जाता है और फिर इन्हें आवश्यक होने पर आगे की कार्रवाई के लिए अधिकारियों के साथ साझा किया जाता है।
'हेल्थ सेंटिनल' ने प्रतिदिन 13 भाषाओं में मीडिया रिपोर्ट और समाचार लेखों को स्कैन किया।
शोधकर्ताओं ने लिखा, "अप्रैल 2022 से अब तक, हेल्थ सेंटिनल ने 30 करोड़ से अधिक समाचार लेखों को संसाधित किया और भारत में स्वास्थ्य संबंधी 95,000 से अधिक विशिष्ट घटनाओं की पहचान की। इनमें से 3,500 से ज़्यादा घटनाओं (चार प्रतिशत) को एनसीडीसी के जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने संभावित प्रकोप के रूप में चिह्नित किया।"
वाधवानी एआई के लेखकों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अप्रैल 2022 और अप्रैल 2025 के बीच पूरे भारत में स्वास्थ्य अधिकारियों को 5,000 से अधिक अलर्ट तुरंत भेजे गए।
वाधवानी एआई में वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रमुख पराग गोविल ने कहा, ‘‘मीडिया में प्रकाशित रोग संबंधी संभावित घटनाओं की पहचान करने की प्रक्रिया में प्रासंगिक लेखों की पहचान करने के लिए समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और रिपोर्ट को परंपरागत रूप से ‘मैनुअल’ तरीके से स्कैन किया जाता है।’’
उन्होंने कहा, "'हेल्थ सेंटिनल' ने इस मैनुअल प्रक्रिया की जगह ली तथा तकनीक के साथ मानवीय दृष्टिकोण को भी बरकरार रखा गया है, जहां महामारी विज्ञानी राज्य और जिला अधिकारियों को सूचना प्रसारित करने से पहले आवश्यक सत्यापन करते हैं।’’
भाषा आशीष