उत्तराखंड में अगले एक साल में 10-12 हजार सरकारी नौकरियां दी जाएंगी: मुख्यमंत्री धामी
दीप्ति शफीक पाण्डेय
- 01 Nov 2025, 07:22 PM
- Updated: 07:22 PM
देहरादून, एक नवंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि पिछले चार साल में प्रदेश में 26 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां दी गई हैं और अगले एक साल में यह आंकड़ा 36 से 38 हजार तक पहुंच जाएगा।
उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह की शुरूआत पर यहां एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले चार साल में 26 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा, ''कुछ परीक्षाएं हो चुकी हैं, जिनका परीक्षाफल घोषित होना है। यह सब मिलाकर अगले एक साल के अंदर 10—12 हजार भर्तियां और की जाएंगी।''
धामी ने कहा कि नौ नवंबर को उत्तराखंड अपनी स्थापना के 25 साल पूरे कर रहा है और राज्य की उपलब्धियों के बारे में बताने का यह सबसे सही समय है। उन्होंने इस संबंध में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने, सशक्त भूमि कानून, जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा रोधी कानून, नकल विरोधी कानून, राज्य के लिए आंदोलन करने वालों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत तथा महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का जिक्र किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 2023 में हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन के बाद से अब तक एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश धरातल पर उतर चुका है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के लिए 200 करोड़ रुपये का वेंचर फंड बनाया गया है ।
उन्होंने कहा कि राज्य के गठन के बाद से अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुंना बढ़ा है और प्रति व्यक्ति आय में 17 गुना वृद्धि हुई है। इसके साथ ही 2025—26 में राज्य के इतिहास में पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अंत्योदय योजना के तहत 1.85 लाख परिवारों को साल में तीन रसोई गैस सिलेंडर दिए जा रहे हैं, जबकि 1.65 लाख महिलाएं लखपति दीदी योजना से आत्मनिर्भर बनी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ भव्य और दिव्य रूप ले रहा है और एक साल के अंदर वहां सभी निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार बदरीनाथ में 300 करोड़ रुपये की धनराशि से मास्टर प्लान का काम हो रहा है, जबकि केदारनाथ और हेमकुंड जाने के लिए रोपवे का निर्माण भी शुरू होने वाला है।
उन्होंने कहा कि कुमांऊ के 48 पौराणिक मंदिरों और गुरूद्वारों को एक सर्किट के रूप में जोड़कर उनके निर्माण को आगे बढ़ाया जा रहा है और दिल्ली—देहरादून एलीवेटेड रोड का काम भी अंतिम चरण में पहुंच गया है। इसके पूरा होने के बाद दोनों शहरों के बीच का सफर दो—ढाई घंटे का रह जाएगा। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम भी 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
भाषा दीप्ति शफीक