चक्रवात ‘मोंथा’ से आंध्र प्रदेश में दो लोगों की मौत, फसलों को नुकसान
नेत्रपाल रंजन
- 29 Oct 2025, 10:20 PM
- Updated: 10:20 PM
अमरावती, 29 अक्टूबर (भाषा) आंध्र प्रदेश के तट से मंगलवार आधी रात गुज़रे चक्रवाती तूफ़ान ‘मोंथा’ के कारण दो लोगों की मौत हो गई और 1.50 लाख एकड़ से ज़्यादा ज़मीन पर खड़ी फ़सलें बर्बाद हो गईं तथा विद्युत एवं परिवहन व्यवस्था बाधित हो गई। सरकार ने कहा कि एहतियाती उपायों के चलते नुकसान काफी कम रहा।
पड़ोसी तेलंगाना में भी भारी बारिश हुई।
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को कहा कि भीषण चक्रवाती तूफान मोंथा के कारण राज्य में दो लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि एहतियाती उपायों से नुकसान कम हुआ है।
‘मोंथा’ का थाई भाषा में अर्थ सुगंधित फूल होता है। यह मंगलवार और बुधवार की मध्यरात्रि पश्चिमी गोदावरी जिले के नरसापुर के निकट कोनासीमा जिले के अंतरवेदी गांव के आसपास आंध्र प्रदेश तट को पार कर गया।
तट पर पहुँचने के बाद, मोंथा कमजोर होकर तटीय आंध्र प्रदेश और इससे सटे तेलंगाना के ऊपर गहरे दबाव के क्षेत्र में बदल गया। मौसम विभाग के अनुसार, इसके उत्तर से उत्तर-पश्चिम की ओर दक्षिण छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ने तथा फिर कमजोर होकर एक दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना है।
नायडू ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया, जिनमें बापटला, पालनाडु, कृष्णा, कोनसीमा और एलुरु जिले शामिल थे।
उन्होंने कोनासीमा जिले के अल्लावरम मंडल के ओडालारेवु गांव में एक राहत शिविर का दौरा किया, जहां उन्होंने विस्थापितों के बीच आवश्यक सामग्री वितरित की, जिसमें 25 किलोग्राम चावल और अन्य वस्तुएं तथा प्रति परिवार 3,000 रुपये नकद शामिल थे।
उन्होंने कहा, ‘‘इस (चक्रवात) के कारण व्यापक क्षति हुई है। यह राज्य के लिए एक बड़ी आपदा है। हालांकि, हम कुछ हद तक बचाने में कामयाब रहे। हम 1.8 लाख लोगों को राहत शिविरों में लेकर आए। मैं यह देखने आया था कि शिविरों की क्या स्थिति है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने आपातकालीन स्थितियों में बिजली बंद कर दी और तुरंत इसे बहाल कर दिया।’’
मुख्यमंत्री के अनुसार, धान और बागवानी फसलों को नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ जिलों - नेल्लोर, प्रकाशम, बापटला जिले और परचूर क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश हुई। मैंने अपने हवाई सर्वेक्षण में देखा कि इन जगहों पर बाढ़ आ गई।’’
इससे पहले नायडू ने समूचे सरकारी तंत्र से चक्रवात प्रभावित लोगों को और अधिक राहत पहुंचाने के लिए अगले दो दिन तक अपने प्रयास जारी रखने को कहा।
प्रारंभिक अनुमानों का हवाला देते हुए सरकार ने मंगलवार को बताया था कि मोंथा के प्रभाव से 38,000 हेक्टेयर में खड़ी कृषि फसलें नष्ट हो गईं तथा 1.38 लाख हेक्टेयर में बागवानी फसलें भी क्षतिग्रस्त हो गईं।
कृषि मंत्री के. अत्चन्नायडू ने बुधवार को कहा कि यद्यपि तूफान के आने के बाद ‘मोंथा’ की तीव्रता कम हो गई है, लेकिन कई प्रभावित जिलों में बिजली और परिवहन संबंधी व्यवधान अब भी जारी है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने राहत कार्य जारी रखा।
निज़ामपट्टनम रेपल्ले रोड, मछलीपट्टनम मंगिनापुडी रोड और अनाकापल्ली और मछलीपट्टनम क्षेत्रों में गिरे हुए पेड़ों को हटा दिया गया है।
आपदा प्रबंधन के विशेष मुख्य सचिव जी साई प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बारिश और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक वस्तुओं का वितरण करने का निर्देश दिया।
सरकार 25 किलोग्राम चावल और लाल चना दाल, एक-एक किलोग्राम खाना पकाने का तेल, प्याज, आलू और चीनी वितरित करेगी। बुनकरों और मछुआरों के लिए चावल की दोगुनी मात्रा वितरित की जाएगी।
बुधवार की सुबह विजयवाड़ा शहर में तेज आंधी के साथ भारी बारिश हुई और तट पार करने वाले ‘मोंथा’ के प्रभाव से कई पेड़ उखड़ गए तथा कई सड़कें जलमग्न हो गईं।
इस बीच, मौसम विभाग ने 29 अक्टूबर तक आंध्र प्रदेश और यनम में अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ स्थानों पर भारी से बहुत अधिक वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया है।
इसी प्रकार, इसी अवधि के दौरान अलग-अलग स्थानों पर 20 सेमी से अधिक की अत्यधिक भारी वर्षा का पूर्वानुमान लगाया गया है।
तीस अक्टूबर के लिए, इसने कहा कि आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय भागों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है।
चक्रवात ‘मोंथा’ के प्रभाव से पड़ोसी तेलंगाना के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बुधवार को भारी बारिश के बाद पूरे राज्य प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि चक्रवात के प्रभाव, विशेषकर धान की फसल पर, की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को नुकसान को कम करने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने के निर्देश दिए।
उन्होंने धान और कपास खरीद केंद्रों पर विशेष व्यवस्था करने के आदेश दिए।
बुधवार को तेलंगाना के विभिन्न जिलों में भारी बारिश हुई।
गोलकुंडा एक्सप्रेस और कोणार्क एक्सप्रेस सहित रेलगाड़ियों को महबूबाबाद जिले के दोर्नाकल जंक्शन और गुंड्राटिमादुगु स्टेशन पर रोके जाने तथा रेलवे अधिकारियों द्वारा कई अन्य ट्रेन के मार्ग बदले जाने के बाद, रेड्डी ने सुझाव दिया कि फंसे हुए यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
भाषा नेत्रपाल