चक्रवात मोंथा: ओडिशा में बारिश और भूस्खलन से सड़कें, पुल और घर क्षतिग्रस्त
धीरज अविनाश
- 29 Oct 2025, 09:36 PM
- Updated: 09:36 PM
(तस्वीरों के साथ)
भुवनेश्वर, 29 अक्टूबर (भाषा) चक्रवाती तूफान मोंथा के कमजोर होकर गहरे दबाव वाला क्षेत्र में बदलने के बीच ओडिशा के कई हिस्सों में बुधवार को हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हुई और भूस्खलन के कारण दक्षिणी जिलों में सड़कें, पुल और मकान क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने भगवान जगन्नाथ को धन्यवाद दिया क्योंकि भीषण चक्रवाती तूफान ने अपना मार्ग बदल लिया।
पुजारी ने स्थिति का जायजा लेने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘चक्रवात के मार्ग में बदलाव से ओडिशा गंभीर तबाही से बच गया। चक्रवात मोंथा ने अपना मार्ग बदल लिया और आंध्र प्रदेश में काकीनाडा के बजाय अमलापुरम के पास तट से टकराया, जिससे ओडिशा पर इसका संभावित प्रभाव कम हो गया। काकीनाडा मलकानगिरी से लगभग 200 किलोमीटर दूर है।’’
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए तैयारी कर ली थी और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक डॉ. मनोरमा मोहंती ने चक्रवात के तट से टकराने के संभावित स्थल में बदलाव के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘चक्रवात के तट से टकारने की प्रक्रिया संभावित क्षेत्र में हुई। इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि, चक्रवात के मार्ग में थोड़े बदलाव के लिए कई वैज्ञानिक कारक मौजूद हैं।’’
इस बीच, एक संशोधित पूर्वानुमान में, आईएमडी ने दक्षिणी ओडिशा के पांच जिलों - मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़, कालाहांडी और नबरंगपुर के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है, जहां भारी बारिश का अनुमान है। इससे पहले, मौसम विभाग ने कहा था कि इस क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होगी और ‘रेड अलर्ट’जारी किया था।
मनोरमा मोहंती ने कहा, "हमने गंजाम, सुंदरगढ़, क्योंझर, मयूरभंज, बालासोर, भद्रक, कोरापुट, मलकानगिरी, रायगड़ा, गजपति, कालाहांडी और नवरंगपुर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के लिए 'येलो' अलर्ट जारी किया है।"
पुजारी ने मीडिया से बातचीत में 1999 के उस भीषण चक्रवाती तूफान को याद किया जो आज ही के दिन, 29 अक्टूबर को ओडिशा में आया था और जिसमें लगभग 10,000 लोग मारे गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम 29 अक्टूबर, 2025 को भी इसी तरह के चक्रवात की स्थिति का सामना कर रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी भी जन हानि की कोई खबर नहीं है।’’
पुजारी ने कहा कि चक्रवात की तैयारी के उपाय 1999 के महा चक्रवात की घटना को याद करते हुए किए गए थे।
मंत्री ने हालांकि कहा कि मकान ढहने, पेड़ गिरने, भूस्खलन और सड़कों व अन्य संपत्ति के क्षतिग्रस्त होने की खबरें हैं। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि चक्रवात मोंथा ने ओडिशा के 33 प्रखंडों और 11 शहरी स्थानीय निकायों के लोगों को प्रभावित किया है।
उन्होंने बताया कि राज्य के निकासी प्रयासों के तहत कुल 2,198 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
मंत्री ने कहा कि सरकार ने 362 निःशुल्क सामुदायिक रसोईघर खोले, जहां चक्रवात केंद्रों पर रह रहे 18,762 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया।
उन्होंने कहा कि बारिश का कोई डर नहीं है क्योंकि बारिश की संभावना 200 मिमी से कम रही। गजपति जिले के गोसानी प्रखंड में सबसे अधिक करीब 150 मिमी बारिश दर्ज की गई, उसके बाद गंजाम के पात्रपुर में 117.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि 56 अन्य प्रखंडों में 50 मिमी से 100 मिमी के बीच बारिश हुई।
मंत्री ने हवा की गति को भी नियंत्रण में बताते हुए कहा कि गंजाम, गजपति, बालासोर और कुछ अन्य जिलों में विभिन्न स्थानों पर बिजली गुल हो गई, जिसे पूर्व-योजना और तैयारियों के कारण कुछ ही घंटों में बहाल कर दिया गया। उखड़े हुए पेड़ों से अवरुद्ध सड़कों को भी तुरंत साफ कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि चक्रवात को देखते हुए ओडिश राज्य आपात प्रतिक्रिया बल के 33, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की पांच और अग्निशमन विभाग की 13 टीम तैनात की गई थी।
मंत्री ने हालांकि कहा कि बारिश की चेतावनी जारी रहने के कारण ओडिशा 31 अक्टूबर तक ‘हाई अलर्ट’ पर रहेगा।
पुजारी ने बताया, ‘‘फसलों, घरों, सड़कों और अन्य सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के नुकसान का आकलन कल से शुरू होगा।’’ उन्होंने कहा कि धान, कपास और सब्जी की फसलों को भी नुकसान की खबरें हैं।
मंत्री ने कहा कि प्रभावित लोगों को नियमानुसार सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा कराई जाएगी। घरों के क्षतिग्रस्त होन पर लोगों के तिरपाल दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर तक राज्य भर में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।
टाटा पावर सदर्न ओडिशा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने चक्रवात आने के मात्र 18 घंटे के भीतर, प्रभावित 9.88 लाख उपभोक्ताओं में से करीब 9.50 लाख उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी है।
भाषा धीरज