ईसी सुनिश्चित करे एसआईआर के बाद गलत प्रविष्टियों को हटाया जाए : वाम मोर्चा
प्रशांत नरेश
- 29 Oct 2025, 08:04 PM
- Updated: 08:04 PM
कोलकाता, 29 अक्टूबर (भाषा) वाम मोर्चा ने बुधवार को मांग की कि निर्वाचन आयोग मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद मृत और फर्जी मतदाताओं के नाम हटाना और वास्तविक मतदाताओं के नाम शामिल करना सुनिश्चित करे।
हाल ही में और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की घोषणा के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को ज्ञापन सौंपते हुए वाम मोर्चे की तरफ से कहा गया कि आधार, मतदाता पहचान पत्र, ‘जॉब कार्ड’ और राशन कार्ड को पात्र मतदाता के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।
ज्ञापन में कहा गया है, “चुनाव आयोग को यह प्रचारित करना चाहिए कि एसआईआर नागरिकता सत्यापित करने की प्रक्रिया नहीं है।”
ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्टा पार्टी, आरएसपी, एआईएफबी, भाकपा (माले) लिबरेशन और एसयूसीआई (सी) के नेता शामिल हैं।
वाम मोर्चा ने दावा किया कि कुछ वर्गों द्वारा लोगों, विशेषकर पिछड़े वर्गों के बीच एसआईआर के संबंध में भ्रम पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को जनता के समक्ष इस मुद्दे पर स्पष्टता सुनिश्चित करनी होगी।
ज्ञापन में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग को सभी राजनीतिक दलों को एसआईआर के विस्तृत दिशानिर्देश उपलब्ध कराने चाहिए। ज्ञापन में कहा गया है, “भारतीय नागरिकों के नाम मतदाता सूची से बाहर नहीं रखे जा सकते।”
इसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग को पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों के मताधिकार की सुरक्षा के लिए निर्देश देना चाहिए तथा अन्यत्र पढ़ने वाले छात्रों का नाम उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में होना चाहिए।
ज्ञापन में कहा गया, “हम चुनाव आयोग से आग्रह करते हैं कि वह राज्य में सही मतदाता सूची के साथ चुनाव सुनिश्चित करे।”
वाम मोर्चा ने निर्वाचन आयोग से एसआईआर प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सभी राजनीतिक दलों और आयोग के प्रतिनिधियों वाली समितियां बनाने का भी आग्रह किया।
ज्ञापन सौंपने से पहले यहां एक सभा को संबोधित करते हुए वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने कहा कि देश में 1952 से चुनाव होते रहे हैं, लेकिन इससे पहले कभी इसे लेकर भय का माहौल नहीं बनाया गया।
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
बोस ने कहा, “आगामी चुनावों को लेकर जिस तरह से लोगों में भय का माहौल पैदा किया जा रहा है, वह अभूतपूर्व और आश्चर्यजनक है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और पश्चिम बंगाल में सत्तासीन पार्टियां मतदाताओं की मदद करने की आड़ में उनमें भय फैलाने की कोशिश कर रही हैं।
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