आयोग ने पार्टियों से किया एसआईआर के सुचारू क्रियान्वयन के लिए बूथ-स्तरीय एजेंट नियुक्त करने का आग्रह
सलीम रंजन
- 30 Oct 2025, 12:29 AM
- Updated: 12:29 AM
लखनऊ, 29 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने बुधवार को कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया को राज्य, जिला और विधानसभा स्तरों पर पूरी तरह से समझना एवं संबंधित पक्षों द्वारा उठाए गए सभी प्रश्नों का समाधान करना पहली प्राथमिकता है।
रिणवा ने एसआईआर के क्रियान्वयन के संबंध में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में समन्वय और स्पष्टता की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा,‘‘पहला कदम राज्य, जिला और विधानसभा तीनों ही स्तरों पर एक साथ बैठकर पूरी प्रक्रिया को समझना है। अगर कोई प्रश्न हैं तो हम उन्हें स्पष्ट करेंगे और उनके उत्तर देंगे।’’
रिणवा ने सुचारू ढंग से यह व्यापक चुनावी प्रक्रिया कराने के लिए सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा बूथ-स्तरीय एजेंट (बीएलए) नियुक्त करने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा,‘‘राज्य भर के हर बूथ पर अपने बूथ-स्तरीय एजेंट नियुक्त करना प्रत्येक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है।’’
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि बीएलए नियुक्त करने की प्रक्रिया पहले ही राजनीतिक दलों के साथ साझा की जा चुकी है।
इस बैठक का उद्देश्य राजनीतिक दलों को प्रक्रियात्मक विवरणों से अवगत कराना और एसआईआर के तहत आगामी चुनावी तैयारियों में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना था।
निर्वाचन आयोग ने 28 अक्टूबर से उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के एसआईआर के दूसरे चरण की घोषणा की थी।
रिणवा ने कहा कि सभी बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर सभी मतदाताओं को मतदाता प्रपत्र और घोषणा पत्र वितरित करेंगे।
उन्होंने कहा कि बीएलओ भरे हुए प्रपत्र की एक प्रति अपने पास रखेंगे और विधिवत हस्ताक्षरित दूसरी प्रति मतदाता को पावती के रूप में लौटाएंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस प्रक्रिया के दौरान प्रपत्र के अलावा कोई अन्य दस्तावेज नहीं लिया जाएगा। शहरी, अस्थायी और प्रवासी मतदाता भी गणना प्रपत्र ऑनलाइन भर सकेंगे।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होने चाहिए और एक ही परिवार के सभी सदस्यों का नाम एक ही मतदान केंद्र के तहत सूचीबद्ध होना चाहिए। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों के सहयोग से सभी मतदान केंद्रों का सत्यापन किया जाएगा।
रिणवा ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 15.44 करोड़ मतदाता और एक लाख 62 हजार 486 मतदान केंद्र हैं जिनमें से प्रत्येक में एक नामित बूथ स्तरीय अधिकारी है।
उन्होंने आगे कहा कि जिन मतदाताओं के विधिवत भरे और हस्ताक्षरित प्रपत्र प्राप्त होंगे उनके नाम मसविदा मतदाता सूची में शामिल किए जाएँगे।
रिणवा ने बताया कि मृतक, अनुपस्थित, स्थानांतरित या डुप्लिकेट मतदाताओं की सूची मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश की वेबसाइट और सरकारी कार्यालयों में प्रदर्शित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि वृद्ध, बीमार, दिव्यांग, गरीब और अन्य वंचित मतदाताओं की सुविधा के लिए स्वयंसेवकों की तैनाती की जाएगी। दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अवधि के दौरान कोई भी मतदाता दावा या आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है।
रिणवा ने बताया कि निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के निर्णय के विरुद्ध अपील की सुनवाई जिलाधिकारी द्वारा की जाएगी और उनके आदेश के विरुद्ध किसी भी अन्य अपील की सुनवाई मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा की जाएगी।
सीईओ ने कहा कि एक साफ-सुथरी और सही मतदाता सूची मजबूत लोकतंत्र की नींव है।
उन्होंने कहा कि फॉर्म की तैयारी, प्रशिक्षण और छपाई का काम तीन नवंबर तक पूरा हो जाएगा। बीएलओ चार नवंबर से चार दिसंबर तक इन फॉर्मों का वितरण और संग्रहण करेंगे।
रिणवा ने बताया कि मतदाता सूची का मसौदा नौ दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा और दावे और आपत्तियां नौ दिसंबर से आठ जनवरी 2026 तक स्वीकार की जाएंगी। अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
बैठक में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, आम आदमी पार्टी और अपना दल (एस) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
भाषा सलीम