छत्तीसगढ़: ईओडब्ल्यू ने सौम्या चौरसिया की आठ करोड़ रुपये मूल्य की 16 संपत्तियां कुर्क कीं
संजीव खारी
- 23 Sep 2025, 08:21 PM
- Updated: 08:21 PM
रायपुर, 23 सितंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में उप सचिव पद पर तैनात रही सौम्या चौरसिया की आठ करोड़ रुपये मूल्य की 16 अचल संपत्तियां कुर्क की हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्यवाही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत की गई है, जिसमें लोक सेवक द्वारा आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने की स्थिति में संपत्तियों को कुर्क करने का प्रावधान है।
यह ईओडब्ल्यू द्वारा इस प्रकार की पहली कार्रवाई है।
रायपुर की विशेष अदालत (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) ने सौम्या चौरसिया द्वारा अर्जित की गई 16 बेनामी अचल संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया।
ईओडब्ल्यू ने जुलाई 2024 में चौरसिया के विरुद्ध आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान यह सामने आया कि उन्होंने लगभग 47 करोड़ रुपये मूल्य की 45 अचल संपत्तियां अपने करीबी रिश्तेदारों सौरभ मोदी, अनुराग चौरसिया एवं अन्य के नाम पर खरीदी थीं।
इनमें से लगभग 39 करोड़ रुपये की 29 संपत्तियां पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कोयला शुल्क घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में कुर्क की जा चुकी हैं। शेष 16 संपत्तियों को भी भ्रष्ट माध्यमों से अर्जित किए जाने के पुष्ट साक्ष्य मिलने पर ईओडब्ल्यू ने इन्हें कुर्क करने के लिए विशेष न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया था।
विशेष न्यायालय ने 22 सितंबर को लगभग आठ करोड़ रुपये की इन 16 अचल संपत्तियों को कुर्क किए जाने का आदेश पारित किया।
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के प्रयासों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
चौरसिया के खिलाफ जुलाई 2024 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वर्ष 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी चौरसिया को अक्टूबर 2022 तक वेतन एवं अन्य भत्तों के रूप में लगभग 85.50 लाख रुपये प्राप्त हुए थे, लेकिन उनके द्वारा परिवार के सदस्यों व परिचितों के नाम पर कई अचल संपत्तियां अर्जित की गईं।
प्रवर्तन निदेशालय ने दिसंबर 2022 में चौरसिया को कोयला शुल्क घोटाले में धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी हुई थी।
चौरसिया को इस वर्ष मई में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया।
भाषा संजीव