बिहार: विधानसभा चुनाव से पहले सीमावर्ती जिलों में बनाई जाएंगी 393 जांच चौकी
कैलाश जोहेब
- 22 Sep 2025, 08:05 PM
- Updated: 08:05 PM
पटना, 22 सितंबर (भाषा) बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीमावर्ती जिलों में चौकसी बढ़ा दी गई है और शराब व अन्य मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी रोकने के लिए 23 प्रमुख स्थानों पर 393 जांच चौकी स्थापित की जाएंगी।
इसके अतिरिक्त सीमावर्ती राज्यों में 176 संवेदनशील स्थानों पर ‘मिरर चेकपोस्ट’ भी बनाई जाएंगी। ‘मिरर चेकपोस्ट’ पड़ोसी राज्य में भी ठीक सामने उसी स्थान पर बनी चौकी को कहा जाता है।
इसके तहत उत्तर प्रदेश में 96, पश्चिम बंगाल में 34 और झारखंड में 46 ‘मिरर चेकपोस्ट’ बनाई जाएंगी।
एडीजी (मद्य निषेध इकाई) अमित कुमार जैन ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में स्थित सरदार पटेल भवन के सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मौजूदा वर्ष में जनवरी से अगस्त तक 6,20,322 लीटर अवैध शराब जब्त की गई है, जिसकी कीमत 72 करोड़ 64 लाख रुपये है।
जैन ने बताया इसमें 12,515 लीटर देसी, 5,74,526 लीटर विदेशी शराब और 77,000 लीटर स्प्रिट शामिल है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक 2,75,75,369 लीटर शराब जब्त की गई है, जिसमें से 97 प्रतिशत नष्ट की जा चुकी है।
एडीजी ने कहा कि नेपाल से हो रही तस्करी की रोकथाम के लिए इस वर्ष जुलाई तक बिहार-नेपाल के सीमावर्ती जिलों के बीच 188 बैठकें की गई हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा पड़ोसी राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ भी कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं।
एडीजी ने बताया राज्य के बाहर से शराब की तस्करी कराने वाले 305 आरोपियों को भी चिह्नित किया गया है और उनकी सूची संबंधित राज्यों की पुलिस के साथ जुलाई में साझा की जा चुकी है।
एडीजी ने बताया कि बिहार में शराब की सबसे अधिक तस्करी उत्तर प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश से होती है। उन्होंने बताया इन राज्यों से बरामद शराब की पहचान ‘क्यूआर कोड’ और ‘बैच नंबर’ के आधार पर की जा रही है और इसके होलसेलर एवं रिटेलर तक पहुंच बनाकर कार्रवाई की जा रही है।
एडीजी ने बताया कि इसके लिए संबंधित राज्यों के अधिकारियों के साथ सूचनाएं साझा की जा रही हैं।
भाषा कैलाश