व्यक्ति जितना स्थानीय होगा, उतनी ही वैश्विकता उसके भीतर होगी: विनोद कुमार शुक्ल

व्यक्ति जितना स्थानीय होगा, उतनी ही वैश्विकता उसके भीतर होगी: विनोद कुमार शुक्ल