बीएमडब्ल्यू दुर्घटना: अदालत ने आरोपी महिला की जमानत याचिका पर सुनवाई 24 सितंबर तक टाली
सुभाष माधव
- 20 Sep 2025, 09:06 PM
- Updated: 09:06 PM
नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने धौला कुआं बीएमडब्ल्यू दुर्घटना मामले में आरोपी गगनप्रीत कौर की जमानत याचिका पर सुनवाई शनिवार को 24 सितंबर तक टाल दी।
अदालत ने दिल्ली पुलिस की इस दलील पर गौर किया कि जांच के कुछ पहलू अभी लंबित हैं।
कौर (38) दुर्घटना के दौरान बीएमडब्ल्यू कार कथित तौर पर चला रही थी, जिसने वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई और उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं।
सरकारी वकील ने स्थगन की मांग करते हुए कहा कि कौर के मोबाइल फोन की जांच और ड्राइविंग लाइसेंस की पड़ताल की जानी है तथा सीसीटीवी फुटेज मृतक की पत्नी (मामले में शिकायतकर्ता) को दिखाया जाना है।
उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता की हालत अभी ऐसी नहीं है कि उससे पूछताछ की जाए।
न्यायिक मजिस्ट्रेट अंकित गर्ग ने अभियोजन पक्ष की दलीलों पर गौर करने के बाद मामले की सुनवाई 24 सितंबर तक स्थगित कर दी।
अदालत ने कौर को 27 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
इस बीच, अदालत ने दिल्ली पुलिस के इस जवाब पर गौर करने के बाद सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखे जाने संबंधी कौर की याचिका का निस्तारण कर दिया कि धौला कुआं मेट्रो की खंभा संख्या 65 और 67 की सीसीटीवी फुटेज जब्त कर ली गई हैं।
इससे पहले, कौर के वकील ने विशेष रूप से खंभों की फुटेज जांचने की आवश्यकता का उल्लेख किया था।
अदालत ने कौर के वकील द्वारा दायर तीन अर्जियों पर भी दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है, जिनमें से दो (अर्जियां) आरोपियों तथा एक अर्जी ड्राइवर के मोबाइल फोन ‘लोकेशन’ को सुरक्षित रखे जाने के लिए हैं, जबकि तीसरी अर्जी जांच अधिकारी (आईओ) को ‘केस डायरी’ के पृष्ठांकन के लिए निर्देश देने से संबंधित है।
वित्त मंत्रालय में आर्थिक कार्य विभाग में उप सचिव, नवजोत सिंह की 14 सितंबर को दिल्ली छावनी मेट्रो स्टेशन के पास रिंग रोड पर हुई दुर्घटना में घायल होने के बाद चोटों के चलते मृत्यु हो गई।
हरि नगर में रहने वाले सिंह (52) अपनी पत्नी के साथ गुरुद्वारा बंगला साहिब से लौट रहे थे।
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 281 (तेज गति से वाहन चलाना), 125बी (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 105 (गैर इरादतन हत्या) और 238 (साक्ष्यों को गायब करना) के तहत एक मामला दर्ज किया गया था।
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