ऑस्ट्रेलिया की सीनियर टीम में जगह बनाना चाहते हैं अंडर-19 टीम में शामिल भारतीय खिलाड़ी
पंत
- 20 Sep 2025, 12:27 PM
- Updated: 12:27 PM
(जी उन्नीकृष्णन)
बेंगलुरु, 19 सितंबर (भाषा) आर्यन शर्मा, जॉन जेम्स और यश देशमुख भले ही ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में बड़ा नाम कमाने का सपना देख रहे हों, लेकिन उन्होंने अपने मूल देश भारत के साथ संबंध नहीं तोड़ा है।
आस्ट्रेलिया अंडर-19 टीम की बहु-प्रारूपीय घरेलू श्रृंखला उनके लिए भारत के कुछ प्रतिभाशाली खिलाड़ियों से मिलने और विचारों का आदान-प्रदान करने का एक शानदार अवसर है। यह श्रृंखला रविवार से ब्रिस्बेन में शुरू होगी।
ऑलराउंडर जॉन जेम्स जोमेश और स्मिता के पुत्र हैं, जो बेहतर करियर की तलाश में केरल के वायनाड से ऑस्ट्रेलिया चले गए थे, लेकिन शुरुआत में उन्हें ऑस्ट्रेलियाई खेल संस्कृति के साथ तालमेल बिठाने में कठिनाई हुई।
जेम्स ने ब्रिस्बेन से पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मेरे सामने सबसे बड़ी चुनौती तब आई जब हम सिडनी से एक घंटे की दूरी पर सेंट्रल कोस्ट चले गए। ट्रेनिंग और मैचों के लिए आना-जाना मुश्किल था, लेकिन मेरे माता-पिता ने मेरे लिए समय निकालकर इसे आसान बना दिया और यह सुनिश्चित किया कि मुझे सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलने का मौका मिले।’’
उनके उभरते करियर का सबसे बड़ा क्षण वह था जब उन्होंने इस वर्ष की शुरुआत में सिडनी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांचवें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट के दौरान पानी पिलाने वाले खिलाड़ी के रूप में काम किया था।
इससे जेम्स को जोश हेजलवुड और मिशेल मार्श से मिलने का मौका मिला जो उनके आदर्श खिलाड़ी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाग्यशाली था कि मुझे बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के सिडनी टेस्ट में वाटर बॉय बनने का मौका मिला और मैं अपने उन सभी आदर्श खिलाड़ियों से मिल सका जिन्हें मैं इससे पहले केवल टेलीविजन पर देखा था और मुझे अपने पसंदीदा मिच मार्श से भी मिलने का मौका मिला।‘‘
जेम्स इस ऑफ-सीजन में केरल जाकर अपने परिवार और दोस्तों से मिलने और अपनी दादी मां के हाथ की पोर्क करी का स्वाद चखने के लिए उत्सुक हैं।
जेम्स की तरह ही चंडीगढ़ के रहने वाले बल्लेबाजी ऑलराउंडर आर्यन शर्मा को भी याद है कि ऑस्ट्रेलियाई जीवन में ढलना उनके परिवार के लिए आसान नहीं था।
आर्यन ने कहा, ‘‘मेरे पिताजी (रमन शर्मा) पहली बार 2000 में अपने भाई की शादी में बतौर मेहमान शामिल होने ऑस्ट्रेलिया आए थे। इसके बाद वह 2005 में ऑस्ट्रेलिया में बस गए। मेरे माता-पिता मुझे बताते रहे हैं कि दूसरे देश में बसना आसान नहीं था। मेरे परिवार के लिए ऑस्ट्रेलियाई जीवनशैली में ढलना आसान नहीं था, लेकिन उन्हें (ऑस्ट्रेलिया में रिश्तेदारों से) जो सहयोग मिला, उससे बहुत बड़ा बदलाव आया।’’
आर्यन का सपना भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली से मिलने का है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा पसंदीदा खिलाड़ी विराट कोहली है। मैं हमेशा उनसे प्रेरणा लेता रहा हूं। अगर मुझे कभी उनसे मिलने और बात करने का मौका मिला, तो यह एक अद्भुत अनुभव होगा। जिस तरह से उन्होंने भारतीय क्रिकेट में योगदान दिया वैसा ही मैं ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट में देना चाहता हूं।’’
यश देशमुख का परिवार महाराष्ट्र से ऑस्ट्रेलिया चला गया था और इस ऑलराउंडर ने बताया कि शुरुआती दिन काफी उथल-पुथल भरे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘भाषा संबंधी बाधाओं, सांस्कृतिक अंतर और अन्य कारणों से यह (ऑस्ट्रेलिया में बसना) आसान नहीं था, लेकिन हम धीरे-धीरे इसके अनुकूल ढलने में सफल रहे। व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए यहां के अलग तरह के शारीरिक गठन वाले बच्चों से प्रतिस्पर्धा करना चुनौती थी।’’
कोहली के कट्टर प्रशंसक देशमुख अब अगले साल ज़िम्बाब्वे और नामीबिया में होने वाले आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के लिए अन्य भारतीय मूल के खिलाड़ियों के साथ ऑस्ट्रेलियाई टीम में जगह बनाना चाहते हैं।
भाषा