‘एक पीढ़ी की धड़कन’: पूर्वोत्तर के नेताओं ने गायक जुबिन गर्ग की मृत्यु पर शोक जताया
संतोष अविनाश
- 19 Sep 2025, 07:31 PM
- Updated: 07:31 PM
गुवाहाटी/ईटानगर/इंफाल, 19 सितंबर (भाषा) पूर्वोत्तर राज्यों के नेताओं ने शुक्रवार को महशूर गायक जुबिन गर्ग की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और उन्हें दुर्लभ प्रतिभा का धनी व्यक्ति करार दिया जिनकी आवाज ने अलग पहचान स्थापित की।
असम के रहने वाले गर्ग सिंगापुर में ‘‘स्कूबा डाइविंग’’ करते समय घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
असम में सभी राजनीतिक दलों ने सोमवार को होने वाले बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद चुनाव के लिए अपना प्रचार स्थगित कर दिया।
गर्ग (52) को इमरान हाशमी-कंगना रनौत अभिनीत हिंदी फिल्म ‘गैंगस्टर’ (2006) के गाने ‘या अली’ के लिए जाना जाता है। वह पूर्वोत्तर महोत्सव में शामिल होने सिंगापुर गए थे।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि असम ने ‘अपने सबसे प्रिय सपूतों में से एक’ को खो दिया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘जुबिन असम के लिए क्या मायने रखते थे, यह बताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। वह बहुत जल्दी चले गए, यह जाने की उम्र नहीं थी। जुबिन की आवाज में लोगों को ऊर्जा देने की बेजोड़ क्षमता थी और उनका संगीत सीधे हमारे मन और आत्मा से जुड़ता था। उन्होंने एक ऐसा शून्य छोड़ा है जो कभी नहीं भरेगा।’’
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि गर्ग के संगीत ने लाखों लोगों को रोमांचित किया, असम की भावना को दर्शाया और लोगों की भावनाओं को स्वर दिया।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दशकों तक वह एक सांस्कृतिक शक्ति, एक ऐसे कलाकार के रूप में खड़े रहे जिनके गीत प्रेरणा देते रहेंगे और एकजुट करते रहेंगे। यह असामयिक क्षति हमारे संगीत और सांस्कृतिक जीवन में एक गहरा शून्य छोड़ गई है। मेरी हार्दिक संवेदनाएं उनके परिवार, उनके अनगिनत प्रशंसकों और असम के लोगों के साथ हैं, जो आज अपने सबसे चमकते सितारों में से एक की मृत्यु पर शोक मना रहे हैं।’’
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह असम, राष्ट्र और संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
उन्होंने कहा, ‘‘जुबिन गर्ग एक पीढ़ी के दिल की धड़कन थे और उनकी आवाज लाखों लोगों के लिए गर्व का एक सशक्त प्रतीक थी। इस भारी दुःख की घड़ी में, मैं असम के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा हूं। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं, और उनकी आत्मा की शाश्वत शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।’’
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने कहा कि गर्ग के मृत्यु की खबर सुनकर सभी हतप्रभ हैं। सैकिया ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘असम के दिलों की धड़कन जुबिन गर्ग की मृत्यु से स्तब्ध हूं। एक दुर्लभ प्रतिभा, जिनकी आवाज ने एक युग को परिभाषित किया, उन्होंने हमें 40 भाषाओं में 38,000 से अधिक गाने दिए।’’
सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने शाम में अपने राज्य मुख्यालयों पर शोक सभाएं आयोजित कीं। असम गण परिषद (अगप) के अध्यक्ष अतुल बोरा ने कहा कि पार्टी इस खबर से स्तब्ध है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह उनके परिवार, प्रशंसकों और शुभचिंतकों को इस गहरे दुख की घड़ी से उबरने की शक्ति प्रदान करें।’’
रायजोर दल के अध्यक्ष अखिल गोगोई ने कहा कि गर्ग की मृत्यु से असमिया समुदाय ने एक रत्न खो दिया है।
एआईयूडीएफ के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि यह पूरे देश के लिए एक क्षति है। अजमल ने कहा, ‘‘हम जुबिन गर्ग को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जो हर असमवासी के दिल में बसते थे, चाहे वह किसी भी धर्म या समुदाय का हो।’’
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि गर्ग एक गायक से कहीं बढ़कर थे। खांडू ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘वह एक सांस्कृतिक पथप्रदर्शक थे जिनकी धुनें लोगों को एक साथ लाती थीं, उत्साह बढ़ाती थीं और हमारी साझा पहचान को स्वर देती थीं। उनके प्रियजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनका संगीत सदैव अमर रहे।’’
अरुणाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बियुराम वाहगे ने क्षेत्र में उनके योगदान के लिए गर्ग को याद किया। वाहगे ने कहा, ‘‘उनकी मधुर आवाज और निडर कलात्मकता ने सीमाओं को पार कर अनगिनत दिलों को छुआ और संस्कृतियों को समृद्ध किया, जिसमें अरुणाचल प्रदेश को समर्पित उनके कई भावपूर्ण गीत भी शामिल हैं। मैं इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के लिए शक्ति की कामना करता हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले।’’
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि गर्ग एक सच्चे सांस्कृतिक प्रतीक थे जिनकी आवाज़ पूर्वोत्तर के लोगों की आत्मा की प्रतिध्वनि थी।
सिंह ने कहा, ‘‘उनके परिवार, प्रशंसकों और पूरे असमिया समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। उनकी आत्मा को शांति मिले।’’
भाषा
संतोष