छह करोड़ रुपये की शेयर बाजार धोखाधड़ी में दो गिरफ्तार
वैभव दिलीप
- 19 Sep 2025, 05:09 PM
- Updated: 05:09 PM
नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने दो लोगों को करोड़ों रुपये के शेयर बाजार धोखाधड़ी मामले में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जिन्होंने अपने बैंक खाते कथित तौर पर संगठित साइबर सिंडिकेट को मुहैया कराए थे। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान कुलवंत सिंह और देवेंद्र सिंह के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने फर्जी निवेश योजनाओं के जरिए धोखाधड़ी के पैसे को सफेद करने के लिए अपने बैंक खाते मुहैया कराए थे।
पुलिस के अनुसार, सिंडिकेट ने निवेशकों को आईपीओ फंडिंग और शेयर बाजार में अच्छे रिटर्न के अवसरों का झांसा दिया।
पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) आदित्य गौतम ने एक बयान में कहा, ‘‘पीड़ितों को धोखेबाजों द्वारा नियंत्रित बैंक खातों में पैसा हस्तांतरित करने के लिए प्रेरित किया गया। इस तरीके का इस्तेमाल करके लगभग 6 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।’’
अधिकारी ने बताया कि धोखाधड़ी की रकम का एक हिस्सा, 20 लाख रुपये, एक एनजीओ के नाम पर एक खाते में जमा होने का पता चला।
पुलिस ने कहा कि यह खाता राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर दर्ज कम से कम 10 शिकायतों से सीधे जुड़ा हुआ था।
डीसीपी ने कहा, ‘‘जांच के दौरान, यह पता चला कि आरोपियों ने एक एनजीओ के नाम पर एक ट्रस्ट पंजीकृत किया था और स्वामित्व छिपाने के लिए चालू खाते खोले थे। फिर इन खातों को साइबर धोखाधड़ी गिरोहों के संचालकों को सौंप दिया गया।’’
पुलिस ने कहा कि कुलवंत और देवेंद्र ने चेक बुक, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ी जानकारी सौंपकर धोखाधड़ी वाले लेनदेन को सुगम बनाया। बदले में, उन्हें 30,000 रुपये प्रति माह दिए जाते थे और खातों से होने वाले प्रत्येक लेनदेन पर पांच प्रतिशत कमीशन भी मिलता था।
पुलिस ने कहा कि कार्यप्रणाली में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से पीड़ितों से संपर्क करना और उन्हें नकली ट्रेडिंग एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करना शामिल था।
डीसीपी गौतम ने कहा, ‘‘आरोपियों ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वे संगठित साइबर गिरोहों के लिए पेशेवर खाता प्रदाता थे। उनके खातों ने पूरे भारत में धोखाधड़ी की रकम प्राप्त करने और उसे प्रसारित करने में अहम भूमिका निभाई, साथ ही साजिशकर्ताओं को बचाया।’’
पुलिस ने बताया कि संचालकों का पता लगाने और ठगी गई शेष राशि की बरामदगी के लिए आगे की जांच जारी है।
भाषा वैभव