डूसू चुनाव: एबीवीपी ने तीन और एनएसयूआई ने एक पद पर जीत दर्ज की
प्रशांत माधव
- 19 Sep 2025, 04:24 PM
- Updated: 04:24 PM
नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने अध्यक्ष सहित तीन पदों पर जीत हासिल की जबकि कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई को बेहद रोमांचक मुकाबले में केवल एक पद से ही संतोष करना पड़ा।
उत्तरी परिसर स्थित दिल्ली विश्वविद्यालय खेल केंद्र में कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना हुई।
एबीवीपी के आर्यन मान ने एनएसयूआई की अपनी प्रतिद्वंद्वी जोसलिन नंदिता चौधरी को 16,196 मतों के अंतर से हराकर अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। एनएसयूआई उम्मीदवार राहुल झांसला (29,339 मत) ने एबीवीपी के गोविंद तंवर (20,547 मत) को हराकर उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की।
एबीवीपी के कुणाल चौधरी ने 23,779 मत प्राप्त कर एनएसयूआई के कबीर को हराकर सचिव पद पर जीत हासिल की।
एबीवीपी की दीपिका झा ने लवकुश भड़ाना को हराकर संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की। झा को 21,825 मत मिले जबकि भड़ाना के खाते में 17,380 मत आए।
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) दोनों ही दलों को खाली हाथ रहना पड़ा।
छात्र संघ के नए अध्यक्ष मान ने कहा कि उन्हें अपनी जीत का 100 प्रतिशत भरोसा है।
उन्होंने जीत के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “मुझे सभी कॉलेजों के छात्रों का समर्थन मिला। मेरी पहली प्राथमिकता डीयू के छात्रों के लिए मेट्रो रियायती पास का वादा पूरा करना होगा। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करना भी मेरी प्राथमिकता होगी कि हमारे सभी खिलाड़ियों को पर्याप्त प्रशिक्षण उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।”
मान ने अपने समर्थकों से विजय उत्सव के दौरान शांतिपूर्ण रहने का भी आग्रह किया।
उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, “दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, हमें किसी भी प्रकार का विजय जुलूस निकालने की अनुमति नहीं है, इसलिए मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि हम विजय रैली नहीं निकालेंगे और हमें जो भी करना है, हम शांतिपूर्वक करेंगे।”
एबीवीपी के विजयी उम्मीदवारों को उनके समर्थकों ने कंधों पर उठा लिया और उनके समर्थन में नारे लगाए। मान ने तिरंगा लहराया और 'मान, मान' के नारे गूंज उठे। बाद में जब उनके समर्थक उन्हें कंधों पर उठाकर ले जा रहे थे, तो उन्होंने खुद को तिरंगे में लपेट लिया। झा मालाओं से लदी हुई थीं और उनके समर्थक उनके नाम के नारे लगा रहे थे।
उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित पैनल पूरे वर्ष जमीनी स्तर से जुड़ा रहेगा और छात्रों के लिए अथक प्रयास करेगा।
एबीवीपी के कुणाल चौधरी ने भी वोट देने वालों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, “मैं छात्रों को भरोसा दिलाता हूं कि मैं हमेशा उनके साथ खड़ा रहूंगा और उनके कल्याण के लिए काम करूंगा।”
संयुक्त सचिव के रूप में निर्वाचित झा ने छात्र समुदाय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छात्रों ने उनके प्रयासों को पहचाना और 4,000 मतों के अंतर से उनकी जीत सुनिश्चित की।
उन्होंने कहा, “मैं बिहार से आई हूं और पिछले छह वर्षों से इस क्षण के लिए प्रयास कर रही थी।”
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि “पार्टी ने इस चुनाव में अच्छी लड़ाई लड़ी। ये चुनाव न केवल एबीवीपी के खिलाफ था बल्कि डीयू प्रशासन, दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार, संघ-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और दिल्ली पुलिस की संयुक्त ताकत के खिलाफ भी था।”
उन्होंने कहा, “फिर भी, डीयू के हजारों छात्र हमारे साथ मजबूती से खड़े रहे और हमारे उम्मीदवारों ने अच्छा प्रदर्शन किया। एनएसयूआई पैनल से नवनिर्वाचित डूसू उपाध्यक्ष राहुल झांसला और जीतने वाले सभी अन्य पदाधिकारियों को शुभकामनाएं। हार हो या जीत एनएसयूआई हमेशा विद्यार्थियों, उनके मुद्दों और डीयू को बचाने के लिए लड़ती रहेगी। हम और भी मजबूत होकर उभरेंगे।”
वर्ष 2024 के डूसू चुनाव मे एनएसयूआई ने सात साल के अंतराल के बाद अध्यक्ष पद और संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की थी।
भाषा प्रशांत