निर्वाचन आयोग के पास उपलब्ध सभी जानकारी कलबुर्गी के एसपी को दी गई : कर्नाटक के सीईओ
पारुल माधव
- 18 Sep 2025, 09:43 PM
- Updated: 09:43 PM
बेंगलुरु, 18 सितंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य के आलंद निर्वाचन क्षेत्र में 6,018 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने के कथित प्रयासों के सिलसिले में निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के पास उपलब्ध सभी जानकारी पहले ही कलबुर्गी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के साथ साझा की जा चुकी है।
कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मामले के सिलसिले में प्राथमिकी निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) की ओर से दर्ज कराई गई थी, जो ईसीआई के अधिकार के तहत काम करते हैं। उसने कहा कि कर्नाटक के सीईओ जांच एजेंसी को सभी सहायता, जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध करा रहे हैं।
सीईओ कार्यालय के इस बयान को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से निर्वाचन आयोग पर किए गए हमलों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। राहुल ने आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ‘वोट चोरों’ को संरक्षण देना बंद करे और मतदाताओं के नाम हटाए जाने के आरोपों की जांच के संबंध में कर्नाटक की सीआईडी की ओर से मांगी गई जानकारी एक हफ्ते के भीतर उपलब्ध कराए।
सीईओ कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “ईसीआई की ओर से दिए गए निर्देशों के आधार पर, कर्नाटक के सीईओ ने जांच पूरी करने के लिए ईसीआई के पास उपलब्ध सभी जानकारी कलबुर्गी जिले के पुलिस अधीक्षक को सौंप दी है।”
बयान के मुताबिक, “साझा की गई जानकारी में आपत्तिकर्ता का विवरण शामिल है, जिसमें फॉर्म संदर्भ संख्या, आपत्तिकर्ता का नाम, उसका ईपीआईसी नंबर, लॉग-इन के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल नंबर और निपटान के लिए आपत्तिकर्ता की ओर से दिया गया मोबाइल नंबर, सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन माध्यम, आईपी पता, आवेदक का स्थान, फॉर्म जमा करने की तिथि एवं समय और उपयोगकर्ता आईडी बनाने की तारीख शामिल है।”
इसमें कहा गया है कि मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने के बाद, जांच की प्रगति की समीक्षा के लिए कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जांच अधिकारी और पुलिस के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ कई बैठकें भी कीं।
बयान के अनुसार, “कर्नाटक के सीईओ पहले से ही जांच एजेंसी को हर संभव सहायता/सूचना/दस्तावेज उपलब्ध करा रहे हैं।”
इससे पहले, राहुल ने नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार पर “लोकतंत्र की हत्या करने वालों” और “वोट चोरों” को संरक्षण देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के आलंद विधानसभा क्षेत्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि कांग्रेस के मतदाताओं के नाम हटाने का प्रयास सुनियोजित तरीके से किया गया और इसमें सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हुआ।
राहुल ने कहा कि आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6,018 मतदाताओं के नाम हटाने के लिए आवेदन दिए गए। उन्होंने कहा कि ऐसा कांग्रेस के मतदाताओं को निशाना बनाकर किया गया।
कर्नाटक में जारी मामले की जांच का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि सीआईडी ने निर्वाचन आयोग को 18 महीनों में 18 पत्र भेजे और कुछ बेहद साधारण जानकारियां मांगीं, जैसे कि वे मूल आईपी जहां से ये आवेदन भरे गए थे। उन्होंने दावा किया कि आयोग ये जानकारियां इसलिए नहीं दे रहा, क्योंकि इससे पता चल जाएगा कि यह अभियान कहां से चलाया जा रहा है।
कर्नाटक के सीईओ कार्यालय ने विवरण साझा करते हुए कहा कि अलंद के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) को फॉर्म 7 में 6,018 आवेदन प्राप्त हुए, जिन्हें दिसंबर 2022 के दौरान एनवीएसपी, वीएचए, गरुड़ ऐप जैसे विभिन्न ऐप का इस्तेमाल करके ऑनलाइन जमा किया गया था।
कार्यालय ने कहा कि आलंद निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के लिए इतनी बड़ी संख्या में ऑनलाइन जमा किए गए आवेदनों की वास्तविकता पर संदेह होने पर ईआरओ, एईआरओ (सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी) और बीएलओ (बूथ स्तरीय अधिकारी) ने प्रत्येक आवेदन का सत्यापन किया।
उसने कहा कि सत्यापन में केवल 24 आवेदन सही पाए गए, जबकि 5,994 आवेदन गलत मिले और इसी के आधार पर 24 आवेदन स्वीकार कर लिए गए, जबकि 5,994 गलत आवेदनों को अस्वीकृत करते हुए संबंधित नाम नहीं हटाए गए।
कार्यालय ने कहा, “बीएलओ की ओर से किए गए सत्यापन के निष्कर्षों के आधार पर अलांद के ईआरओ ने 21 फरवरी 2023 को पुलिस निरीक्षक, अलांद पुलिस थाना, कलबुर्गी जिला के पास एक प्राथमिकी दर्ज कराई।”
भाषा पारुल