भारत, यूएई तीन-चार साल में गैर-तेल, गैर-कीमती धातु व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाएंगेः गोयल
प्रेम अजय प्रेम
- 18 Sep 2025, 07:59 PM
- Updated: 07:59 PM
अबू धाबी, 18 सितंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अगले तीन-चार वर्षों में गैर-तेल और गैर-कीमती धातु व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है।
फिलहाल द्विपक्षीय व्यापार में गैर-तेल और गैर-कीमती धातु की हिस्सेदारी 50-55 अरब डॉलर के स्तर पर है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने अफ्रीका और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) क्षेत्रों में साझा निवेश के लिए भी रूपरेखा तय करने का निर्णय लिया जिसमें बुनियादी ढांचा और अन्य क्षेत्र शामिल हैं। साझा निवेश में यूएई की निवेश क्षमता और भारत के पास प्रतिभाओं की मौजूदगी का लाभ उठाया जाएगा।
गोयल ने कहा, ‘‘अभी चर्चा संकल्पना के स्तर पर हुई। इसके तौर-तरीके तय करने, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की भागीदारी और प्राथमिकता वाले देशों के बारे में फैसला दोनों देश करेंगे।’’
भारत और यूएई के निवेश पर गठित उच्च-स्तरीय कार्यबल की 13वीं बैठक में इन सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें भारतीय पक्ष की अगुवाई गोयल ने की जबकि अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) के प्रबंध निदेशक शेख हमद बिन जाएद अल नहयान ने यूएई की अगुवाई की।
गोयल ने बैठक के बाद कहा, ‘‘हमने गैर-तेल और गैर-कीमती धातुओं में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर अगले तीन-चार वर्षों में 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का नया लक्ष्य रखा है।’’
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष समुद्री, रक्षा, वैमानिकी एवं अंतरिक्ष क्षेत्रों में निवेश और सहयोग की नई संभावनाएं भी तलाश रहे हैं। स्थानीय मुद्राओं में व्यापार बढ़ रहा है, जिससे लेन-देन की लागत कम और संचालन आसान होता है।
भारत और यूएई ने घरेलू साज-सज्जा, वस्त्र, मत्स्य पालन, चमड़ा और चमड़े के उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण और दवा जैसे क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने की भी योजना बनाई है।
गोयल ने बताया कि दुबई में 20,000-25,000 वर्ग फुट क्षेत्र में विकसित हो रहा कारोबारी केंद्र 'भारत मार्ट' अगले डेढ़-दो साल में तैयार हो जाएगा।
इसके अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) के बाद भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) का भी दुबई में परिसर जल्द शुरू होगा। इसके लिए सभी जरूरी मंजूरियां मिल गई हैं।
उन्होंने कहा कि यूएई अब भारत के शेयर बाजार में बड़े निवेश में भी रुचि दिखा रहा है, और यूपीआई आधारित धनप्रेषण पर काम तेजी से चल रहा है।
गोयल ने कहा, “दोनों देशों के संबंध तेजी से विकसित हो रहे हैं और विभिन्न तरीकों से सहयोग मजबूत हो रहा है।”
इसके साथ ही गोयल ने यह साफ किया कि भारत किसी भी स्थिति में अपने निर्यातित माल को यूएई के जरिये अमेरिका भेजने की अनुमति नहीं देगा।
उन्होंने कहा कि यदि भारतीय सामान यूएई से अफ्रीकी या एशियाई देशों में ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद के रूप में जाता है तो उसका स्वागत किया जाएगा। लेकिन अमेरिकी बाजार के लिए ट्रांस-शिपमेंट की अनुमति नहीं होगी।
उनका बयान इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि अमेरिका ने हाल ही में भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है जिससे झींगा, चमड़ा और वस्त्र जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के निर्यात प्रभावित हो सकते हैं।
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