नीरज विश्व चैम्पियनशिप में निराशानजक आठवें स्थान पर रहे, सचिन चौथे
मोना सुधीर
- 18 Sep 2025, 08:46 PM
- Updated: 08:46 PM
तोक्यो, 18 सितंबर (भाषा) पीठ की चोट से जूझ रहे गत चैम्पियन नीरज चोपड़ा विश्व चैम्पियनशिप पुरूष भालाफेंक फाइनल में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद आठवें स्थान पर रहे जबकि पहली बार खेल रहे भारत के ही सचिन यादव ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके चौथा स्थान हासिल किया ।
फाइनल में कोई भी प्रतियोगी 90 मीटर तक नहीं पहुंच सका । चोपड़ा पांचवें दौर के बाद बाहर हो गए और 84 . 03 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ आठवें स्थान पर रहे ।
भारतीय खेलप्रेमियों को इस नतीजे की उम्मीद नहीं थी क्योंकि तोक्यो ओलंपिक 2021 में स्वर्ण पदक मिलने के बाद पिछले चार साल से वह चोपड़ा को या तो स्वर्ण पदक जीतते या पोडियम पर रहते हुए देख रहे थे ।
विश्व चैम्पियनशिप 2022 में रजत और 2023 में स्वर्ण जीतने वाले चोपड़ा तोक्यो ओलंपिक के बाद से किसी स्पर्धा में शीर्ष दो से नीचे नहीं रहे हैं । पिछले 24 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में या तो वह विजेता रहे या दूसरे स्थान पर थे ।
अपनी निरंतरता के लिये विख्यात चोपड़ा पांच प्रयासों में एक बार भी 85 मीटर को पार नहीं कर सके । इससे पहले उनका सबसे खराब प्रदर्शन 82 . 27 मीटर था जब उन्होंने मई 2024 में फेडरेशन कप में स्वर्ण पदक जीता था । तोक्यो विश्व चैम्पियनशिप उनके कैरियर के सबसे खराब प्रदर्शन में से एक है ।
नीरज ने फाइनल के बाद कहा कि वह पिछले दो हफ्तों से पीठ की समस्या से जूझ रहे हैं जिसके लिए वह रिहैबिलिटेशन से गुजर रहे थे।
विडंबना यह है कि यादव के सभी पांच वैध थ्रो नीरज के दिन के सर्वश्रेष्ठ 84.03 मीटर से बेहतर थे।
स्वर्ण पदक त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोर्न वालकॉट (88 . 16 मीटर) ने जीता जबकि ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स (87 . 38 मीटर) दूसरे और अमेरिका के कुर्टिस थाम्पसन (86 . 67 मीटर) तीसरे स्थान पर रहे ।
पिछली बार के रजत पदक विजेता पेरिस ओलंपिक चैम्पियन पाकिस्तान के अरशद नदीम चौथे दौर के बाद बाहर होने वाले पहले प्रतियोगियों में थे । उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 82 . 75 मीटर का रहा । पेरिस ओलंपिक के बाद पहली बार चोपड़ा और नदीम के मुकाबले का इंतजार करने वालों को भी मायूसी हाथ लगी ।
इस बार तीसरे दौर के बाद दस प्रतियोगी बरकरार रहे और चौथे के बाद दो बाहर हो गए । पांचवें दौर के बाद दो और बाहर होने से छठे और आखिरी दौर में छह ही प्रतियोगी रहे । पिछली बार तीसरे दौर के बाद आठ प्रतियोगी मैदान में थे जो छठे दौर तक बने रहे ।
चोपड़ा का पांचवां प्रयास फाउल रहा और वह उसी जगह से स्पर्धा से निराशाजनक ढंग से बाहर हो गए जहां उन्होंने 2021 में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था ।
सिर्फ छह शीर्ष खिलाड़ी छठे और आखिरी दौर में पहुंचे और भारत का प्रतिनिधित्व चोपड़ा ने नहीं बल्कि यादव ने किया ।
उन्होंने पहले ही प्रयास में 86 . 27 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका था जो उनका सर्वश्रेष्ठ निजी प्रदर्शन भी रहा । वह जर्मनी के जूलियन वेबर (86 . 11 मीटर) और ओलंपिक चैम्पियन पाकिस्तान के अरशद नदीम (82 . 75 मीटर) से आगे रहे ।
दो बार के ओलंपिक पदक विजेता चोपड़ा ने 83 . 65 मीटर के साथ शुरूआत की और पांचवें स्थान पर थे । इसके बाद तीसरा थ्रो 84 . 03 मीटर का फेंका । वह दूसरे दौर के बाद आठवें स्थान पर खिसक गए और वहीं रहे ।
उनका चौथा थ्रो 82 . 86 मीटर का था जिसके बाद उन्हें पांचवें थ्रो में कीनिया के जूलियस येगो से आगे निकलना था जिन्होंने 85 . 54 मीटर का थ्रो फेंका था लेकिन चोपड़ा का पांचवां प्रयास फाउल रहा ।
भाला फेंकने के बाद वह साइड में गिर गए और रेखा पार करते ही अधिकारियों ने लाल झंडा दिखा दिया ।
उन्होंने इस साल मई में चेक गणराज्य के महान खिलाड़ी जान जेलेज्नी के मार्गदर्शन में 90 . 23 मीटर का थ्रो फेंका था लेकिन उसके बाद से उनके प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई है ।
दो स्पर्धाओं में वह 85 मीटर पार नहीं कर सके और सिर्फ एक में 86 से अधिक का थ्रो फेंका । इस साल उनका दूसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो 88 . 16 मीटर था ।
वहीं उत्तर प्रदेश के बागपत के पास खेकरा गांव में एक किसान परिवार से आये यादव ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया । उनका पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 85 . 16 मीटर था जो मई में कोरिया में उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप में रजत जीतकर किया था ।
उनका पहला थ्रो 86 . 27 मीटर का था जबकि दूसरा फाउल रहा । उन्होंने इसके बाद 85 . 71 मीटर, 84 . 90 मीटर, 85 . 96 मीटर और 80 . 95 मीटर के थ्रो फेंके ।
भाषा मोना