राहुल ‘घुसपैठिये प्रथम’ की राजनीति के पक्ष में हैं खड़े, अराजकता फैलाने की कर रहे हैं चेष्टा: भाजपा
राजकुमार माधव
- 18 Sep 2025, 06:55 PM
- Updated: 06:55 PM
(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि राहुल गांधी द्वारा निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ बार-बार लगाए गए आरोप भारतीय लोकतंत्र में उनके विश्वास के अभाव को दर्शाते हैं।
भाजपा ने उनपर अराजकता फैलाने तथा भारत में नेपाल और बांग्लादेश जैसी अशांति पैदा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ‘‘घुसपैठिए प्रथम की राजनीति’’ गांधी का एकमात्र एजेंडा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के हितों की बात कर सकते हैं, लेकिन निर्वाचन आयोग द्वारा करायी जा रही मतदाता सूची की समीक्षा का विरोध करके अवैध मतदाताओं को बचाने की उनकी कोशिश इन समुदायों के हितों को नुकसान पहुंचाएगी।
भाजपा ने गांधी पर पलटवार तब किया जब उन्होंने मीडिया के सामने एक प्रजेंटेशन पेश किया। गांधी ने इस प्रजेंटेशन में निर्वाचन आयोग के खिलाफ ‘वोट चोरी’ के अपने आरोप को पुष्ट करने की कोशिश की।
गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर ‘वोट चोरों’ और लोकतंत्र को नष्ट करने वाले लोगों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कर्नाटक के विधानसभा क्षेत्र अलंद के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि चुनाव से पहले कांग्रेस समर्थकों के वोट व्यवस्थित तरीके से हटाए गये।
इस पर आयोग ने कहा, ‘‘राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप गलत और निराधार हैं। किसी भी वोट को ऑनलाइन किसी भी व्यक्ति द्वारा हटाया नहीं जा सकता, जैसा कि गांधी ने गलत धारणा बनाई है।’’
ठाकुर ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने माना है कि 2023 में अलंद में मतदाताओं के नाम हटाने के ‘कुछ असफल प्रयास’ किए गए थे तथा मामले की जांच के लिए आयोग ने खुद ही प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
भाजपा नेता ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस शासित कर्नाटक की सीआईडी के साथ मोबाइल नंबर और आईपी विवरण साझा किया है। उन्होंने जांच में कार्रवाई न करने के लिए कर्नाटक पुलिस की आलोचना की।
पांच बार के लोकसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने कहा कि गांधी निर्वाचन आयोग के कहे मुताबिक हलफनामा दाखिल करने से बच रहे हैं, अथवा अदालत जाने से कतरा रहे हैं, क्योंकि उनके दावों में दम नहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को पहले भी कई मौकों पर मुंह की खानी पड़ी थी, जब उन्होंने राफेल सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
उन्होंने दावा किया कि इसी डर के कारण गांधी इस मुद्दे पर अदालत का दरवाजा नहीं खटखटा रहे हैं।
गांधी द्वारा अपने आरोपों की तुलना परमाणु बम से करने और यह दावा करने के लिए कि वह जल्द ही हाइड्रोजन बम लेकर आएंगे, उनका मजाक उड़ाते हुए भाजपा नेता ने कहा कि विपक्षी नेता तथ्यों के अभाव में केवल नाटक तथा ‘प्रहार करो और बचकर निकल जाओ’ की रणनीति पर चल रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रहार करो और बचकर निकल जाओ रणनीति उनकी प्रेसवार्ता में फिर नजर आयी। अगर उनके तर्कों में कोई दम है, तो वह अदालत क्यों नहीं जाते... उन्हें और कांग्रेस को लोकतंत्र या संवैधानिक संस्थाओं में कोई विश्वास नहीं है।’’
निर्वाचन आयोग का बचाव करते हुए एवं कांग्रेस पर पलटवार करते हुए ठाकुर ने पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्तों --एम एस गिल (जो संप्रग सरकार में मंत्री बने थे) और टी एन शेषन (जिन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था) के विपक्षी दल के संबंधों का हवाला दिया।
उन्होंने याद दिलाया कि कैसे 2009 में तत्कालीन संप्रग सरकार ने नवीन चावला को मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था, जबकि निवर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी ने उनकी पदोन्नति के खिलाफ एक निंदात्मक पत्र लिखा था।
उन्होंने बताया कि चावला पर गोपनीय और संवेदनशील जानकारी लीक करने का आरोप लगाया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘दरअसल यह कांग्रेस ही है जिसने निर्वाचन आयोग का दुरुपयोग किया। अब जब निर्वाचन आयोग निष्पक्ष तरीके से काम कर रहा है, तो राहुल गांधी बार-बार भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करने और लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। वह देश में उस तरह की स्थिति पैदा करना चाहते हैं जो हमने बांग्लादेश और नेपाल में देखी है।’’
राहुल गांधी ने कहा है कि लोकतंत्र की रक्षा करना उनका काम नहीं है, लेकिन उन्होंने इसलिए कदम उठाया क्योंकि इस जिम्मेदारी वाले संस्थान ऐसा नहीं कर रहे थे।
इस पर ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता ने खुद पर हाइड्रोजन बम गिराया है । उन्होंने उनसे पूछा कि क्या वह लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता कभी ईवीएम पर हमला करके तो कभी निर्वाचन आयोग पर निशाना साधकर चुनाव परिणामों पर बार-बार सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि उनके कार्यकाल में कांग्रेस की लगातार हार से उनकी हताशा बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि आरोपों की राजनीति उनके लिए एक आभूषण बन गई है।
ठाकुर ने कहा कि अलंद में कांग्रेस उम्मीदवार की जीत हुई और पूछा कि क्या यह ‘वोट चोरी’ का नतीजा है।
भाषा राजकुमार