एएनएससीबीएल ऋण घोटाले में गिरफ्तार अंडमान के पूर्व सांसद को ईडी कोलकाता ले गई
तान्या तान्या माधव
- 18 Sep 2025, 05:21 PM
- Updated: 05:21 PM
पोर्ट ब्लेयर, 18 सितंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एएनएससीबीएल ऋण घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व कांग्रेस सांसद कुलदीप राय शर्मा को बृहस्पतिवार को कोलकाता ले गया। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।
अधिकारी ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों ने एएनएससीबीएल के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राय शर्मा, अंडमान और निकोबार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (एएनएससीबीएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक के मुरुगन और पूर्व ऋण अधिकारी (एएनएससीबीएल) के के कलैवानन को बुधवार शाम धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया।
एक विशेष अदालत (पीएमएलए) ने उन्हें आठ दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया है।
शर्मा, मुरुगन और कलैवानन को बृहस्पतिवार को ईडी अधिकारी पोर्ट ब्लेयर से कोलकाता ले गयी।
यह जांच अंडमान और निकोबार पुलिस के अपराध एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा बैंक अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के विरुद्ध 15 मई 2025 को दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है। 18 जुलाई, 2025 को अपराध एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (अंडमान पुलिस) ने ऋण अनियमितताओं के मामले में शर्मा (एएनएससीबीएल के पूर्व अध्यक्ष) को गिरफ्तार किया था।
सहकारी समितियों के उप-पंजीयक (मुख्यालय) की शिकायत के बाद यह गिरफ्तारी की गई, जिसमें ऋणदाता द्वारा विभिन्न लोगों को ऋण स्वीकृत करने में घोर अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था।
इस मामले में बाद में ईडी ने भी समानांतर जांच शुरू कर दी है। 31 जुलाई को, उन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपना पहला तलाशी अभियान चलाया। पिछले दो हफ्तों में ईडी ने पूछताछ के लिए 10 से ज्यादा लोगों को कोलकाता बुलाया है।
ईडी की जांच में एक व्यापक साजिश का खुलासा हुआ है, जिसमें फर्जी कंपनियों और फर्मों के नाम पर खोले गए 100 से अधिक खातों के माध्यम से 500 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण धोखाधड़ी से स्वीकृत किए गए थे।
ईडी के निष्कर्षों के अनुसार, कुलदीप राय शर्मा और उनके करीबी सहयोगियों, जिनमें एएनएससीबीएल के एमडी और ऋण अधिकारी भी शामिल हैं। उनके विशेष लाभ के लिए लगभग 230 करोड़ रुपये कथित तौर पर निकाले गए।
ईडी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "अधिकारियों ने न केवल बैंकिंग मानदंडों का घोर उल्लंघन करते हुए ऋण स्वीकृत किए, बल्कि 5 प्रतिशत कमीशन के बदले में सहयोगियों को कई ऋण भी दिए, जो नकद या फर्जी कंपनी खातों के माध्यम से दिए गए।"
इस वर्ष 31 जुलाई और 1 अगस्त को 21 स्थानों पर पहले की गई छापेमारी के बाद, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तीन परिसरों में तलाशी ली जा रही है।
बयान में कहा गया है, "जांच से पता चला है कि ऋण राशि का बड़ा हिस्सा नकद निकाला गया और पूर्व सांसद सहित वरिष्ठ बैंक अधिकारियों के बीच अवैध रूप से वितरित किया गया।"
भाषा तान्या तान्या