ईडी ने आंध्र प्रदेश शराब ‘घोटाला’ मामले में कई राज्यों में छापे मारे
गोला नरेश
- 18 Sep 2025, 03:44 PM
- Updated: 03:44 PM
हैदराबाद/अमरावती, 18 सितंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आंध्र प्रदेश में कथित 3,500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की धन शोध जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को कई राज्यों में छापे मारे।
अधिकारियों ने बताया कि यह घोटाला पिछली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार के दौरान हुआ था।
तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कम से कम 20 स्थानों पर तलाशी ली गयी, जो उन संस्थाओं और व्यक्तियों से जुड़े हैं जिन्होंने कथित तौर पर फर्जी/बढ़ा-चढ़ाकर बताए गए बिलों के जरिए रिश्वत के भुगतान में मदद की थी।
उन्होंने बताया कि कुछ आरोपियों से संबंधित परिसरों की भी तलाशी ली जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, इनमें एरेट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, श्री ज्वैलर्स एक्जिम्प, एन आर उद्योग एलएलपी, द इंडिया फ्रूट्स प्राइवेट लिमिटेड (चेन्नई), वेंकटेश्वर पैकेजिंग, सुवर्णा दुर्गा बॉटल्स, राव साहेब बुरुगु महादेव ज्वैलर्स, उषोदय एंटरप्राइजेज और मोहन लाल ज्वैलर्स (चेन्नई) शामिल हैं।
संघीय जांच एजेंसी ने आंध्र प्रदेश पुलिस की एसआईटी (विशेष जांच दल) की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए इस कथित घोटाले की जांच के लिए पीएमएलए का मामला दर्ज किया।
पुलिस ने अब तक इस मामले में तीन आरोपपत्र दाखिल किए हैं और गिरफ्तार किए गए प्रमुख लोगों में वाईएसआरसीपी के लोकसभा सदस्य पीवी मिधुन रेड्डी भी शामिल हैं।
पुलिस ने आरोपपत्र में कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी नेता वाईएस जगन मोहन रेड्डी औसतन 50-60 करोड़ रुपये प्रति माह की रिश्वत पाने वालों में से एक थे। हालांकि, अभियोजन पक्ष की शिकायत में जगन का नाम आरोपी के रूप में नहीं लिया गया है।
पुलिस ने आरोप लगाया कि कि पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने जुलाई 2019 में नयी शराब नीति से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता की थी।
इस नीति के तहत शराब की दुकानों का संचालन सरकारी संस्था एपीएसबीसीएल (आंध्र प्रदेश राज्य पेय पदार्थ निगम लिमिटेड) द्वारा किया जाएगा।
आरोपपत्र में कहा गया है कि रिश्वत की रकम को साधारण व्यक्तियों जैसे कि चपरासियों या कर्मचारियों के जरिए व्यवस्थित तरीके से शोधित किया गया।
पुलिस ने एपीएसबीसीएल के प्रबंध निदेशक द्वारा लिखे एक पत्र के हवाले से कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 29 जुलाई 2019 को हुई बैठक में चर्चा के दौरान दुकानों की संख्या, दुकान परिसर को किराए पर लेने, दुकान के बुनियादी ढांचे, परिवहन चार्जर आदि से संबंधित मामलों को अंतिम रूप दिया गया है।
तब पुलिस ने यह भी आरोप लगाया था कि जगन ने आईआरटीएस अधिकारी और मामले में आरोपी संख्या दो डी वासुदेव रेड्डी को एपीएसबीसीएल के प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जबकि तत्कालीन मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों ने अन्य पदों के लिए उनकी सिफारिश की थी।
वाईएसआरसीपी ने कहा है कि पुलिस आरोपपत्र में लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।
भाषा
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