छत्रपति संभाजीनगर देश की इलेक्ट्रिक वाहन राजधानी बनेगा : फडणवीस
अजय अजय
- 17 Sep 2025, 11:20 AM
- Updated: 11:20 AM
छत्रपति संभाजीनगर, 17 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि छत्रपति संभाजीनगर देश की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) राजधानी बनेगा क्योंकि यह एक पसंदीदा निवेश गंतव्य है।
वह मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित छत्रपति संभाजीनगर के सिद्धार्थ गार्डन में मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम स्मारक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। 17 सितंबर को मराठवाड़ा के भारत में एकीकरण और निजाम शासन के अधीन हैदराबाद राज्य के भारत संघ में विलय की वर्षगांठ है।
मुख्यमंत्री ने अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ, मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस के अवसर पर स्मारक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और निजाम शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
क्षेत्र के औद्योगिक विकास पर फडणवीस ने कहा कि उन्होंने पहले उल्लेख किया था कि छत्रपति संभाजीनगर, जालना और यहां का दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा महाराष्ट्र का अगला औद्योगिक केंद्र होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘आज यह सच हो रहा है। छत्रपति संभाजीनगर को एक पसंदीदा निवेश स्थल कहा जा सकता है। हुंदै द्वारा किया गया निवेश दर्शाता है कि कंपनियां छत्रपति संभाजीनगर जैसे शहरों को पसंद कर रही हैं। छत्रपति संभाजीनगर अब देश की इलेक्ट्रिक वाहन राजधानी बनेगा।’’
फडणवीस ने यह भी कहा कि जल्द ही शुरू होने वाली लातूर कोच फैक्ट्री में 14,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम बीड से अहिल्यानगर तक रेलवे संपर्क का सपना भी पूरा करने जा रहे हैं। दोनों स्टेशनों के बीच रेलवे लाइन का आज उद्घाटन किया जाएगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मराठवाड़ा के विकास के लिए काम करती रहेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह दिन न केवल मराठवाड़ा के लिए स्वतंत्रता दिवस है, बल्कि ‘एकीकृत भारत’ का भी दिन है। हम मराठवाड़ा क्षेत्र के विकास के लिए प्रयास कर रहे हैं। मराठवाड़ा में (हाल ही में) भारी बारिश हुई, जिसके कारण हमारे कुछ भाई-बहनों की जान गई है।’’
फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार जनता और किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है और नुकसान झेलने वालों को सहायता प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मराठवाड़ा एक सूखाग्रस्त क्षेत्र है। लेकिन हमारी सरकार ने सूखे को अतीत बनाने का फैसला किया है। हम मराठवाड़ा में कृष्णा नदी घाटी से पानी लाए हैं। दूसरे चरण में, सांगली और कोल्हापुर के अतिरिक्त पानी के साथ-साथ उल्हास नदी घाटी से 54 टीएमसी पानी भी यहां लाया जाएगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठवाड़ा में और पानी लाने के लिए सिंचाई परियोजनाओं का वास्तविक कार्य अगले छह महीनों में शुरू होगा।
भाषा अजय